Supreme Court Verdict On Manish Sisodia Bail: दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में शुक्रवार (आठ अगस्त) को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई है. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को जमानत मिलने के बाद से पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक में खुशी लहर है. जमानत मिलने के तत्काल बाद उन्हें फिर से दिल्ली का डिप्टी सीएम बनाने को लेकर चर्चा सुर्खियों में है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आप नेता मनीष सिसोदिया के सचिवालय जाने पर रोक नहीं लगाई है. जबकि सीएम अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देते हुए उनके सचिवालय जाने पर रोक लगाई थी. यही वजह है कि उनका दोबारा डिप्टी सीएम बनने की संभावना जताई जा रही है. इस चर्चा को आम आदमी पार्टी राज्यसभा से सांसद स्वाति मालीवाल के बयान से भी बल मिला है.
दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आप सांसद स्वाति मालीवाल ने मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के तत्काल बाद एक्स पोट पर कहा, "अब वो लीड लेकर सरकार को सही दिशा में लेके चलेंगे".
क्या बीजेपी देगी 17 महीनों का हिसाब?
वहीं,आम आमदी पार्टी के सांसद संजय सिंह मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने के तत्काल बाद कहा है कि इस मामले में कोई सच्चाई नहीं थी. हमारे नेताओं को जबरदस्ती जेल में रखा गया था. मनीष सिसोदिया जी को साजिशन 17 महीने जेल में रखा गया. क्या BJP और नरेंद्र मोदी, मनीष जी के इन 17 महीनों का हिसाब देंगे? मनीष जी यह 17 महीने दिल्ली के स्कूलों को बनाने में लगाते लेकिन बीजेपी ने इन्हें बर्बाद कर दिया.
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन में अनियमितताओं में मनीष सिसोदिया की कथित भूमिका को लेकर 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था. ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े मनी मनी लॉन्ड्रिंग गिरफ्तार किया था. अपनी गिरफ्तारी के बाद मनीष सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद से मनीष सिसोदिया न्यायिक हिरासत में थे.