Delhi News: दिल्ली अध्यादेश विधेयक पर गुरुवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विरोधी दलों पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि विपक्ष की चिंता गठबंधन की राजनीति है. अब राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने उनपर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि ये बात सही है कि विपक्ष की चिंता गठबंधन की राजनीति है, पर अमित जी यह आपकी भी चिंता है!


देश के वरिष्ठ अधिवक्ता और सांसद कपिल सिब्बल ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में लड़ाई किसके बीच होगी? इसका विकल्प प्रस्तुत करते हुए कहा कि आम चुनाव में सियासी जंगग विपक्ष की गठबंधन राजनीति और बीजेपी की हिंसक राजनीति या बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति और विपक्ष की समावेशी राजनीति के होगी.  



​बीजेपी नेतृत्व नूंह हिंसा पर चुप क्यों?


इससे पहले गुरुवार को कपिल सिब्बल ने हरियाणा के मेवात जिले के नूंह में हिंसा भड़कने के 3 दिन बाद हिंदूवादी संगठनों पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि नूंह हिंसा को लेकर सभी को ​विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से सवाल पूछने की जरूरत है? उन्होंने अपने ट्वीट में इस बात का भी जिक्र किया है कि ये सवाल हमें सामूहिक रूप से दोनों संगठनों के नेताओं से पूछने की आवश्यकता है. उन्होंने पूछा था कि क्या विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सांप्रदायिक हिंसा के एक समान फैक्टर हैं? भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व के शीर्ष अधिकारी सांप्रदायिक नरसंहार के ऐसे कृत्यों पर चुप क्यों रहते हैं? अंतिम सवाल यह पूछा था कि इससे किसका लाभ होता है?


विपक्ष को न तो देश की, न हीं जनता की चिंता


दरअसल, गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश विधेयक पर बोलते हुए विपक्षी गठबंधन इंडिया पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि विपक्ष की चिंता गठबंधन की राजनीति है. विरोधी दलों को न तो डेमोक्रेसी की चिंता है, न देश की और न ही लोगों की चिंता है बल्कि इन्हें सिर्फ अपने गठबंधन की चिंता है. ये कितने ही गठजोड़ क्यों न बना लें, लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पीएम फिर नरेन्द्र मोदी ही बनेंगे. 


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