Tahawwur Rana News: 2008 के मुंबई आतंकी हमले (26/11 Mumbai Terror Attack) के आरोपी तहव्वुर राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA पूछताछ कर रही है. राणा को गुरुवार (10 अप्रैल) को भारत लाया गया. इसको लेकर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं सरकार को मुबारकबाद देता हूं कि आज तहव्वुर राणा को हिंदुस्तान लाया गया और NIA को 18 दिन की कस्टडी दी गई.
उन्होंने कहा, ''UPA सरकार के दौरान ही NIA का गठन हुआ था. चिदंबरम तब होम मिनिस्टर थे. एक केस रजिस्टर हुआ. डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा के खिलाफ. तहव्वुर राणा की गिरफ़्तारी शिकागों में हुई. कुछ आरोपों में उसको रिहा कर दिया गया था. ये पहले पाकिस्तान आर्मी में था फिर कनाडा की नागरिकता ले ली थी. हमने इसका विरोध किया और हमने हिरासत में लेने का प्रयास किया.''
2009 में चार्जशीट दाखिल की गयी- कपिल सिब्बल
सिब्बल ने कहा, ''2009 में चार्जशीट दाखिल की गयी. NIA की टीम अमेरिका पंहुची और इस दौरान हेडली हिरासत में था. और हमारी रिक्वेस्ट पर NIA की टीम को पूछताछ करने का मौक़ा मिला. इस दौरान पता चला कि तहव्वुर राणा ने भारत में एक इमिग्रेशन सेंटर खोला. तहव्वुर राणा ने तब कहा कि हेडली इसके हेड होंगे. इसके चलते दो साल हेडली यहां आता रहा. ये पूरी साजिश थी. जो NIA की पूछताछ में सामने आयी थी.''
उन्होंने कहा, ''इसके बाद प्रत्यर्पण की लगातार कोशिश होती रही. लेकिन अब ये सफलता मिल पायी. UPA सरकार और मौजूदा सरकार दोनों की कोशिश रही कि आज तहव्वुर राणा भारत लाया जा सका है.''
डेविड हेडली को भारत लाना चाहते थे- कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने कहा, ''जहां जहां भी टेरिज्म है, वहां सरकारों को मिलकर आवाज उठानी चाहिए, लेकिन सरकारें सेलेक्टिव हो गई है. डेविड हेडली को हम चाहते थे, हिन्दुस्तान लाया जाए. वो डबल एजेंट था. प्री बार्गेनिंग मे उसे 35 साल की सजा हुई इस मामले में अमेरिका को भी हम दोषी मानते हैं, जो हुआ दुरूस्त हुआ, आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करना चाहिए.''
उन्होंने कहा, ''जो सरकार टेररिज्म के खिलाफ लड़ना चाहती है, उसे सलेक्टिव नहीं होना चाहिए. सरकार को इसपर फास्टट्रैक करके जल्द सुनवाई करने की व्यवस्था करनी चाहिए. कस्टोडियल पूछताछ से ये भी पता चल जाएगा कि पाकिस्तान के कौन कौन से लोग शामिल थे.''
सिब्बल ने कहा, ''UPA सरकार की ही कोशिश थी कि हेडली से NIA को पूछताछ के दौरान सबकुछ मिला. जो कोर्ट में सुबूत के तौर पर रखा जायेगा. हिलेरी क्लिंटन से भी सरकार ने तब इस मामले में मुलाक़ातें की है. तमाम कोशिशें तब की गयी थी, जिसका आज नतीजा सामने आया है. हमें इस बात पर खुश होना चाहिए कि उसे भारत लाया जा सका है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिये.''