JNU Dual Degree Engineering Programs: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों के लिए अच्छी खबर है. जेएनयू एकेडमिक काउंसिल (JNU Academic Council) ने 2018-19 बैच में इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स (JNU Engineering Programs) में एडमिशन लेने वाले छात्रों को ड्यूल डिग्री प्रोग्राम (JNU Dual Degree Programs) से बाहर निकलने की मंजूरी दे दी है. जब वे अपनी एक डिग्री यानी बैचलर्स की डिग्री पूरी कर लेते हैं उसके बाद वे कोर्स से बाहर निकल सकते हैं. यानी मास्टर्स डिग्री को चाहें तो बीच में ही छोड़ सकते हैं. ये फैसला अकादमिक परिषद (JNU Academic Council) की बैठक में लिया गया है. ये एकेडमिक काउंसिल की 160वीं बैठक थी जिसमें इसे मंजूरी दी गई.
चुन सकते हैं कोर्स से बाहर निकलने का ऑप्शन –
इस संबंध में जारी नोटिस में जेएनयू के डिप्टी रजिस्ट्रार का कहना है कि वे छात्र जिन्होंने अपनी बीटेक की डिग्री सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, वे कोर्स से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं. ये मंजूरी साल 2018-19 बैच के इंजीनियरिंग के छात्रों को दी गई है.
क्या है मामला –
बता दें कि नई शिक्षा नीति के तहत और जेएनयू की नीति के तहत भी ये नियम है कि कैंडिडेट्स जब चाहें ड्यूल डिग्री से बाहर निकल सकते हैं. हालांकि ये नियमों के अनुसार करना होगा. ऐसे में वे जिस लेवल पर प्रोग्राम छोड़ते है उन्हें वैसी ही डिग्री या डिप्लोमा दिया जाता है.
इस केस में जेएनयू के इंजीनयरिंग के ड्यूल डिग्री प्रोग्राम्स में दाखिला लेने वाले छात्रों को ये सुविधा दी गई है कि वे चार साल के बीटेक और एक साल के एमटेक प्रोग्राम में से बीटेक की डिग्री पूरी करने के बाद प्रोग्राम छोड़ दें. यानी पांच साल के कार्यक्रम को चार साल में ही बैचलर की डिग्री के साथ खत्म करें.
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