Jamiat Ulama E Hind Session Update: जमीअत उलमा ए हिंद अधिवेशन की ओर से दिल्ली में बुलाए गए 3 दिवसीय अधिवेशन का आज तीसरा और आखिरी दिन है. इस बीच आयोजकों ने दावा किया है कि अधिवेशन में देशभर से करीब 2 लाख लोग सम्मेलन में शामिल हुए हैं. अन्य वर्गों के धर्मगुरु भी कार्यक्रम में पहुंचे. जेयूएच अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी 34वें आम अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे हैं. 


पूर्णकालिक अधिवेशन के दौरान जेएचयू वेस्टर्न जोन UP अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद अकील ने कहा कि आज हमारे मुल्क में इस्लामोफोबिया बढ़ रहा है. कई BJP नेताओं के नफरती बयानों से मुल्क की हवा खराब हो रही है. सरकार से अपील है कि ऐसे बयानों पर रोक लगाए. नफरत फैलने वाले मीडिया पर भी सरकार सख्त कार्रवाई करे. 


फिरकापरस्त ताकतों की मंशा नेक नहीं: मुफ्ती इफ्तेखार अहमद


जेयूएच कर्नाटक के अध्यक्ष मुफ्ती इफ्तेखार अहमद ने कहा​ कि आटे में नमक के बराबर लोग हैं, जो लोगों को बांट रहे हैं. फिरकापरस्त ताकतें अपनी कुर्सी को बचाने के लिए डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी पर जोर दे रहे हैं. ऐसी ताकतों को कमजोर करने के लिए नफरत को खत्म किया जाए. उन्होंने कहा कि जब किसी कम्युनिटी की तरफ से कोई बात पेश आती है वो जुर्म के दायरे में भी नहीं आती, लेकिन उन पर यूएपीए की धाराएं लगा दी जाती हैं. यह पीड़ितों के लिहाज से एक तबाही है. कुछ ताकतें अपने ही भाइयों के जज्बात से खेलने की कोशिश करते हैं, जिसकी वजह से बहुत बड़ी तादात में हमारे भाई जेलों में बंद हैं. ऐसी ताकतें जमीयत के खिलाफ भी खड़ा है. 


UCC मुल्क के लिए अच्छा नहीं: मुफ्ती शमसुद्दीन


यूसीसी के प्रस्ताव का डिक्लेरेशन पेश करते हुए मुफ्ती शमसुद्दीन कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड सिर्फ मुसलमानों को इफेक्ट नहीं करेगा बल्कि इसका असर सभी वर्ग पर पड़ेगा. मुस्लिम पर्सनल लॉ में कोई तब्दीली नहीं की जा सकती. ऐसा करना डेमोक्रेसी को लेकर किए गए वादों के खिलाफ है. संविधान भी इसकी इजाजत नहीं देता. ये वोट बैंक की राजनीति है. अदालतों ने तीन तलाक और हिजाब से जुड़े फैसलों में मुस्लिम पर्सनल लॉ को कमजोर किया है. JUH सरकार से कहता है कि यूसीसी मुल्क के लिए अच्छा नहीं. एक तबके को खुश करने की बजाय, हर वर्ग के लिए कानून एक समान होना चाहिए. मुसलमानों को चाहिए कि अपने निजी फैसले शरिया के हिसाब करें. ऐसे मसलों को अदालत में ना जाएं.


निजामुद्दीन दरगाह के सज्जादानशीन फरीद निजामी ने कहा कि अगर सच्चर कमेटी को मान लें तो 6 लाख एकड़ जमीन कागजों में वक्फ बोर्ड की है, लेकिन हकीकत में मिली नहीं है, कई मामले अदालतों में विचाराधीन हैं. वहीं असगर अली इमाम मेहंदी ने कहा कि आज हमारा मुल्क और इंसानियत जिस नाजुक घड़ी से गुजर रही है. इसलिए सब लोग इकट्ठे हों, जैसे मुल्क को बचाया था, वैसे ही अपने काम को भी अंजाम दें. फिर ये नारा लगाएं कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई भाई. हम भटके हुए को वापस लाएंगे.


स्कूल-कॉलेजों का जाल बिछाना जरूरी: हाजी मोहम्मद हारून


जमीयत उलेमा भोपाल के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून ने कहा कि लड़कियों के लिया तालीम की जरूरत और अहमियत पर जमीयत खास तौर पर तवज्जो देता है. बेटी पढ़ाओ के नारे का असर जमीन पर जितना असर होना चाहिए उतना नहीं हैं. जितना संजीदा होना चाहिए, उतना नहीं है. हाल ही में हिजाब की वजह से इनको तालीम से रोका जाना तो यही बताता है. जिसकी वजह से उनकी अखलाकी और दीनी जिंदगी पर असर पड़ता है. वो बच्चियों के लिए स्कूल और कॉलेज का जाल बिछाएं.


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