भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) ने बुधवार(13 अगस्त) शाम को राजधानी में चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने आयोग की इमारत और गोल डाक खाने के चौराहे पर बड़े-बड़े बैनर लगाए, जिन पर लिखा है – “वोट चोर आयोग”.
यह प्रदर्शन दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा के नेतृत्व में किया गया. दर्जनों कार्यकर्ता इस मौके पर मौजूद थे और उन्होंने बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी की.
'देश में हो रही है लोकतंत्र की हत्या'
अक्षय लाकड़ा ने कहा कि बीजेपी हमेशा नाम बदलने में आगे रहती है, इसलिए युवा कांग्रेस ने भी आज चुनाव आयोग का नाम बदलकर “वोट चोर आयोग” कर दिया है, ताकि जनता को यह संदेश दिया जा सके कि आयोग निष्पक्ष भूमिका निभाने में विफल हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और चुनाव आयोग इसमें मौन भूमिका निभा रहा है.
'गड़बड़ियों पर लगेगी रोक'
IYC दिल्ली अध्यक्ष आगे कहते हैं कि “वोट का अधिकार लोकतंत्र में जनता की सबसे बड़ी ताकत है. इसे बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग दबाना चाहते हैं. जब तक चुनाव आयोग डिजिटल वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं कराता, तब तक युवा कांग्रेस, विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में, लगातार संघर्ष करती रहेगी.”युवा कांग्रेस का आरोप है कि मतदाता सूची में गड़बड़ियों और वोट चोरी के मामलों पर आयोग कार्रवाई नहीं करता, जिससे लाखों मतदाता अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित हो जाते हैं. उनका कहना है कि डिजिटल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराए जाने से पारदर्शिता बढ़ेगी और गड़बड़ियों पर रोक लगेगी.
'जनता की आवाज दबाने का लगाया आरोप'
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में बैनर और तख्तियां थामकर नारे लगाए. उन्होंने चुनाव आयोग पर “लोकतंत्र विरोधी रवैया” अपनाने और बीजेपी सरकार के साथ मिलकर जनता की आवाज दबाने का आरोप लगाया.
सोशल मीडिया पर इस विरोध की तस्वीरें और वीडियो तेजी से फैल रहे हैं, जहां समर्थकों ने इसे साहसिक कदम बताया. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के प्रदर्शनों से चुनाव आयोग पर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने का दबाव बढ़ सकता है.
युवा कांग्रेस ने साफ किया कि यह संघर्ष केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देशभर में मतदाता अधिकारों की रक्षा और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए अभियान जारी रहेगा.