दुर्गा पूजा और रामलीला के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की समय सीमा बढ़ाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मुझे मालूम नहीं है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री ने किस आधार पर यह फैसला लिया. नवरात्रि चल रही है और रामलीला के कारण यह निर्णय लिया गया होगा, लेकिन ध्वनि का जो एक मानक तय है, उसके मुताबिक ये हो तो कोई बात नहीं है. इसका ध्यान रहे कि हमारी अजान या भजन से दूसरों को तकलीफ न पहुंचे.
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा, ''मुझे लगता है कि दिल्ली की सरकार ने जरूरत के मुताबिक ये फैसला लिया होगा क्योंकि अभी नवरात्र है और रामलीला के मंचन चल रहे हैं. चूंकि इसमें जागरण होते हैं, कार्यक्रम लगातार होते चले आते हैं और रामलीला तकरीबन रात के 12 बजे तक खत्म ही होती है तो उन्होंने इसकी वजह से अभी के लिए ये फैसला लिया है, ये हमेशा के लिए नहीं है.''
'ध्वनि के तय मानक का पालन हो तो बेहतर होगा'
उन्होंने ये भी कहा, ''हम सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ध्वनि का जो मानक तय हुआ है, उसका पालन हो तो बेहतर होगा. ये ध्वनि चाहे अजान से हो चाहे वो भजन से हो, कहीं मंदिरों से हो या मस्जिदों से या गुरुद्वारे से हो. ध्वनि का जो एक मानक तय है, उसके मुताबिक हो तो कोई बात नहीं है.''
तेज आवाज से दूसरों को तकलीफ न पहुंचे-इलियासी
इमाम उमर अहमद इलियासी ने आगे कहा, ''ये हो सकता है कि आपके पड़ोस में बहुत से लोग बीमार हों, या बहुत से ऐसे लोग भी हो सकते हैं, जो तकलीफ में हों. बहुत से बच्चे ऐसे हों जो एग्जाम की तैयारी कर रहे हों तो इस बात का ख्याल रखना चाहिए. हमारी अजान, नमाज या भजन से दूसरों को तकलीफ न पहुंचे. और अगर ये ध्वनि के तय मानक के मुताबिक है तो कोई बुराई की बात नहीं है.''
लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर दिल्ली सरकार का क्या फैसला
बता दें कि दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने रामलीला, दुर्गा पूजा, दशहरा और इससे संबंधित आयोजनों के दौरान मध्य रात्रि तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत दी है. लाउडस्पीकर पर यह छूट 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक वैध है और इसे सरकार के आग्रह के बाद उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना की मंजूरी के बाद लागू किया गया है.
इस छूट के तहत ध्वनि प्रदूषण नियमों के पालन की शर्त पर इसके इस्तेमाल की समय सीमा रात 10 बजे से बढ़ाकर मध्यरात्रि 12 बजे कर दी गई है. रेसिडेंशियल एरिया में आयोजकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ध्वनि का स्तर 45 डेसिबल से अधिक न हो.