Gurugram News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में स्वच्छता का पैगाम देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती पर भले ही गुरुग्राम समेत पूरे देश में सफाई अभियान चलाया गया हो. नगर निगम ने भी शहर में 200 स्थानों पर सफाई करने का दावा किया, लेकिन नगर निगम के अपने शौचालयों की बदहाली में सुधार नहीं हो पा रहा है. लोगों की सहूलियत के लिए सार्वजनिक शौचालयों में शिकायतें, सुझाव देने के लिए मशीनें तक लगवाई गई, लेकिन सब कबाड़ा हो गई हैं. सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. शौचालयों पर तैनात स्टाफ पर भी कुछ कहने का असर नहीं पड़ता.
शौचालय की हालत बद से बदतर हो गईगुरुग्राम नगर निगम द्वारा शहर में जगह-जगह पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया है. लोग इन शौचालयों का प्रयोग जरूर करते हैं, लेकिन बस मन मारकर. क्योंकि वहां पर सफाई व्यवस्था की स्थिति बहुत ही खराब होती है. उदाहरण के तौर पर हम शहर के बीचों-बीच कमला नेहरू पार्क के बाहर ट्रंक मार्केट के कोने पर बने सार्वजनिक शौचालय को ही ले लें. यहां पर बाहर तक बदबू आती है. यहां यूरिनल की शीट की सफाई नहीं होती. टॉयलेट्स के भीतर बुरा हाल रहता है. फर्श टूटे पड़े हैं. सफेद रंग की लगाई गई टाइलें काली पड़ चुकी हैं. वॉश बेसिन के तो बुरे हाल हैं. वहां पानी बिखरा ही रहता है. ना साबुन मिलता है. वॉश बेसिन के ऊपर लगाया गया शीशा जर्जर हो चुका है. इसका बड़ा कारण यही है कि इन सब चीजों की कभी संभाल नहीं की गई. इन्हें सही रखने का काम नहीं किया गया.
महिलाओं के शौचालय में पुरुष को भेज देता है गार्डस्थानीय व्यक्ति ने बताया कि दिनभर महिला शौचालय में पुरुषों को यहां का कर्मचारी भेजता है. कई बार ऐसा होता है कि अंदर महिला होती है और पुरुष को अंदर भेज दिया जाता है. यह सब पैसों के लालच में किया जाता है. यह बहुत बड़ी लापरवाही है. महिला शौचालय का शीशा भी पूरी तरह से टूटा हुआ है. नगर निगम गुरुग्राम शौचालयों की व्यवस्था सुधारने के साथ इन सब पर भी अंकुश लगाए. इस बारे में जब नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर विजय यादव से बात की तो उन्होंने कहा हमारे पास इसकी अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है जैसे ही हमारे पास शिकायत आती है तो हम इस पर सख्त कार्रवाई करेंगे.
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