Delhi News: बुधवार को चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Case) विवाद पर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के हिंदूवादी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने ट्वीट कर कोर्ट के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में बताया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्णय केवल हिंदू पक्ष की जीत नहीं, बल्कि सत्य, विज्ञान, लॉजिक और पुरातत्व शास्त्र की भी जीत है. ये संविधान और कानून की भी जीत है. 

भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा का कहना है कि भारतीय पुरातत्व विभाग के सर्वे का विरोध वहीं लोग कर रहे हैं जो कुछ छिपाना चाहते हैं. इससे पहले 24 जुलाई 2023 को उन्होंने अदालत के आदेश पर एएसआई द्वारा यूपी के ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू होने पर बिना किसी का नाम लिए कहा था कि सच से डर धर्म को नहीं लगता. सर्वे से अधर्म करने वाले डरते हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा​ था कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू हो चुका है. ज्ञानवापी का सर्वे एक वैज्ञानिक और कानून सम्मत कार्य है. सत्य को सामने लाने का यह एक जरिया साबित होगा. सर्वे का विरोध सिर्फ वही लोग करेंगे जो कुछ सच को हमेशा से छिपाने की कोशिश करते आये हैं. 

सर्वे पर रोक से इनकार संविधान की जीत

कपिल मिश्रा ने 20 जून 2023 को एक वीडियो में अपना मोबाइल हाथ में लेकर लोगों से पूछा था कि ये क्या है? इसका जवाब खुद देते हुए वह वीडियो में कहते सुनाई दिए कि यह हथियार है? हथियार किसके हाथ में होता है, फिर, इसका खुद जवाब देते हुए बताया था कि- सेना के हाथ में. इसके बाद उन्होंने पूछा था कि जिसके हाथ में हथियार होता है, वो क्या होता है, जवाब मिला योद्धा. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार करने पर कहा है कि यह संविधान की जीत है. 

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