PM Narendra Modi in World Dairy Submit: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के इंडिया एक्सपो मार्ट सेंटर में इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन की वर्ल्ड डेयरी आयोजित हुई. समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने महिलाओं के योगदान की जमकर तारीफ की. पीएम ने महिलाओं को डेयरी सेक्टर का असली कर्णधार बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में देश की अर्थव्यवस्था और किसानों की आय बढ़ाने में डेयरी सेक्टर को महत्वपूर्ण योगदान देने वाला क्षेत्र बताया.
प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर को 70 फीसदी से ज्यादा काम महिलाएं संभाल रही है. इसी वजह से सरकार डेयरी सेक्टर को और मजबूत करने के तरीकों पर काम कर रही है और इसे मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. पीएम ने बताया कि पिछले 7 से 8 सालों में भारत ने डेयरी सेक्टर में कई उपलब्धियां हासिल की जिसका श्रेय डेयरी सेक्टर से जुड़े लोगों को जाता है.
पीएम ने डायरी सेक्टर में 70 फीसद महिलाओं का योगदान बताया
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में डेयरी सेक्टर में महिलाओं के योगदान पर बात की. पीएम ने भारत में डेयरी सेक्टर के यूनिकनेस होने की 4 वजहें बताई. पीएम ने कहा कि इसमें से 3 पर तो चर्चा हुई है लेकिन चौथे पर बात नहीं होती. पीएम ने बताया कि भारत में छोटे किसानों की शक्ति से डेयरी सेक्टर इतना बड़ा हुआ है. साथ ही भारत के पशुओं की नस्ल को काफी अच्छा माना जाता है. इसके अलावा कॉर्पोरेट की शक्ति की वजह से आज भारत का डेयरी सेक्टर इतना बड़ा बन पाया है.
पीएम मोदी ने कहा कि जो चौथा बड़ा कारण है वह है भारत की महिलाएं क्योंकि भारत की डेयरी सेक्टर में 70 फीसदी महिलाओं का योगदान है. भारत की डेयरी सेक्टर काफी बड़ी है अगर प्रोडक्शन वैल्यू की बात की जाए तो यह बाकी अनाज जैसे धान और गेहूं से भी ज्यादा है. इसकी वजह है भारत की ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली माताएं और बहनें. इसलिए इस सेक्टर में काम करने वाली माताओं-बहनों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की जरूरत है.
कहा- 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को नौकरी मिली
इसके अलावा पीएम ने अपने भाषण में छोटे किसानों की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि भारत में डेयरी सेक्टर के असली हीरो छोटे किसान हैं क्योंकि यहां पर मास प्रोडक्शन नहीं बल्कि प्रोडक्शन बाय मास होता है. ज्यादातर किसानों के पास दो-तीन पशु होते हैं लेकिन यह छोटे किसान दिन रात मेहनत करते हैं और इनकी पशुधन की वजह से ही आज दुनिया भर में भारत सबसे ज्यादा दूध उत्पादक कर रहा है. भारत के 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को इस सेक्टर के जरिए रोजगार मिला है.