दिल्ली एनसीआर से ग्रैप-3 को हटा लिया गया. हवा में सुधार के बाद वायू गुणवत्ता प्रबंधन विभाग ने बुधवार (26 नवंबर) को इस फैसले को लागू किया है. इस वजह से ग्रैप-3 की पांबदियों को तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया. हवा की गुणवत्ता में सुधार के बाद ये फैसला लिया गया है.

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ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) यानी ग्रैप-3 को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की वजह से लागू किया गया था. दिल्ली एनसीआर में CAQM ने GRAP -3 को हटाया. इसके साथ ही GRAP-1 और GRAP-2 के तहत लगी पाबंदिया जारी रहेंगी. अब इस राहत के फैसले के बाद कई चीजों से पाबंदियां हट जाएंगी.

ग्रैप-3 में इन चीजों पर रहती हैं पाबंदियां

  • ग्रैप-3 लागू होने के बाद से BS-3 प्रेट्रोल और BS 4 डीजल के वाहनों पर रोक लगाई जाती है.
  • किसी भी वाहन को इस दौरान इस्तेमाल नहीं किया जाता.
  • इसके साथ ही बिल्डिंग निर्माण पर पूरी तरह रोक लगा दी जाती है.
  • बिल्डर प्रोजेक्ट, सड़क निर्माण और अन्य निर्माण परियोजनाओं पर भी पूरी तरीके से रोक लगा दी जाती है. 
  • ग्रैप 3 के नियम लागू होते ही सिर्फ अति आवश्यक जगह एयरपोर्ट, अस्पताल, एलिवेटेड रोड और एसटीपी प्लांट परियोजनाओं को छोड़कर सभी जगहों पर निर्माण कार्य बंद कर दिया जाता है.
  • हर दिन सड़कों की सफाई की जाती है, नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाता है. वहीं निर्माण और विध्वंस से निकलने वाले धूल और मलबे का सही तरीके से निष्पादन किया जाता है. 

इस तरह लागू किए जाते हैं ग्रैप के चरण

किसी भी जगह पर ग्रैप का पहला चरण तब लागू होता है, जब एक्यूआई 201 से 300 के बीच रहता है. इसके बाद दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 के बीच रहने पर लागू होता है. तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 रहने पर लागू किया जाता है. 

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एक्यूआई के 450 से अधिक होने पर ग्रैप के चौथे चरण को अमल में लाया जाता है. ग्रैप-4 लागू होने के बाद प्रतिबंध सबसे ज्यादा और सबसे कड़े होते हैं. बता दें कि ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती है. 

हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. इस दौरान सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. राज्य सरकार स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी तथा निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने पर भी निर्णय लेती हैं.