Garlic Price Hike: सस्ती मौसमी सब्जियों के भरमार के बावजूद लोगों के खाने का जायका कम हो गया. जी हां, बाजारों में तरह तरह की हरी सब्जियों और सीजनल सब्जियों की भारी मात्रा में उपलब्धता के बावजूद लोगों को खाने में स्वाद नहीं मिल पा रहा है और वजह है. लसुसन.. आज लहसुन इतना महंगा हो चुका है कि लोग इसे खरीदने से परहेज करने लगे हैं, नतीजन खाने में लोगों को स्वाद नहीं मिल पा रहा है. हालात ये हैं कि खाना तो दूर की बात है, लोग लहसुन की कीमत सुन कर दुकानों से उल्टे पांव लौट जा रहे हैं.


किसानो से काफी सस्ती कीमत पर व्यापरियों ने खरीदा लहसुन
कुछ दिनों पहले तक दिल्ली में 100 से 150 रुपये किलो तक बिकने वाला लहसुन आज साढ़े चार सौ से 500 रुपये किलो तक बिक रहा है. जिसकी वजह आम लोगों की समझ से बाहर है. दिल्ली में महाराष्ट्र, राजस्थान और यूपी से लहसुन की खेप आती है. जहां के किसानों से सस्ती लहसुन की खरीद के बावजूद मंडियों और बाजारों में लहसुन की कीमतें आसमान छू रही हैं. जबकि पैदावार में कहीं कोई कमी नहीं है. किसानों का कहना है कि उन्होंने 40 से 50 रुपये की दर से व्यापारियों को लहसुन बेची थी, लेकिन कैसे लहसुन की कीमतें बेकाबू हो रही हैं, उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा है.


लहसुन की बढ़ती कीमत का कारण मुनाफ़ाखोरी
अगर 50 रुपये के हिसाब से भी अंदाजा लगाया जाए तो ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को जोड़ कर इसकी लागत 80 रुपये के आसपास बैठती है, जिसे मुनाफ़ा जोड़ कर 125 से 150 रुपये किलो तक मे बिकना चाहिए. लेकिन लहसुन की वास्तविक कीमत तिगुनी होकर साढ़े चार सौ से 500 रुपये किलो तक हो गई है. किसानों के मुताबिक, लहसुन की पैदावार इतनी है कि पिछले 3 साल से 5 से 10 रुपये किलो के हिसाब से वे व्यपारियों को लहसुन दे रहे हैं, या फिर पशुओं को खिलाना पड़ता है और अगले महीने नई फसल भी आ जाएगी. बावजूद इसके लहसुन की कीमत बेलगाम है और इसका कारण कहीं न कहीं किल्लत को दर्शा कर मुनाफाखोरी करना है.


लहसुन की अच्छी पैदावार के बाबजूद कीमत हुई बेलगाम
दिल्ली के दो सबसे बड़े मंडी आजादपुर और ओखला के लहसुन व्यापारियों का कहना है कि मांग के अनुसार लहसुन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, यही वजह है कि अभी लहसुन की बढ़ती कीमतों से न केवल खुदरा खरीदार बल्कि इसके थोक व्यापारी भी परेशान हैं. उन्हें उम्मीद है कि अगले महीने लहसुन की नई फसल आने के बाद इसमें कमी आएगी.


खुदरा में लहसुन की कीमत हुई 450 रुपये प्रतिकिलो
बात करें दिल्ली की मंडियों में बिक रही लहसुन की कीमत की तो अलग-अलग जगहों पर क्वालिटी के अनुसार विभिन्न कीमतों पर बिक रही है. जो अधिकतम साढ़े चार सौ से 500 रुपये किलो तक है. केशोपुर मंडी के लहसुन व्यापारी गिरानी ने बताया कि केशोपुर में लहसुन 400 रुपये किलो बिक रही है. जो खुदरा में 600 तक का बिक रहा है. यही वजह है कि बाजारों में मटर-टमाटर, गोभी समेत तमाम सस्ती सब्जियों की उपलब्धता के बावजूद लोगों के खाने का स्वाद बढ़ाने वाले लहसुन के गायब होने से ये मौसमी सब्जियां भी स्वादहीन हो रही हैं.


इन दरों ओर बाजारों में बिक रही हैं सब्जियां
बात करें, बाजारों में मौजूद सब्जियों की कीमतों की तो फिलहाल सभी सब्जियां सामान्य या सामान्य से कम कीमतों पर बिक रही है. सब्जी विक्रेता उमेश ने एबीपी लाईव से बात करते हुए बताया कि 25 से 30 रुपये किलो तक बिकने वाली गोभी आज 12 से 15 रुपये किलो बिक रही है. अभी बाजारों में स्थानीय इलाकों से गोभी पहुंच रही है. हालांकि, उनका कहना है कि, अगर मौसम सर्द हुआ तो कीमतें बढ़ सकती हैं. वहीं, 30 रुपये किलो बिकने वाला कद्दू 20 रुपये किलो बिक रहा है. जिसकी कीमत गर्मी बढ़ने के साथ बढ़ेगी. इसके अलावा खीरा 40 रुपये प्रतिकिलो और चुकंदर 25 - 30 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है. एक अन्य सब्जी विक्रेता जगरनाथ ने बताया कि अदरक अभी 120 किलो बिक रहा है. जिसकी कीमत अभी बढ़ेगी.


वहीं गाजर 60 रुपये में 5 किलो, प्याज 100 में 5 किलो, आलू 60 में 5 किलो, पत्ता गोभी 120 में 5 किलो, बीन्स 200-250 में 5 किलो की दर से मिल रहा है. ऐसे ही सीताफल भी सस्ती हो कर 25 रुपये किलो बिक रही है. वहीं बीते कुछ समय पहले तक महंगी बिकने वाला धनियां महज 20 रुपये किलो बिक रहा है. हरी मिर्ची वही 40 रुपये किलो तक जबकि कटहल 60 और भटा बैंगन 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा है.


नए लहसुन आने के बाद कम होगी कीमतें 
वही अलग-अलग इलाकों में बाजार लगाने वाले खुदरा व्यापारी अभिषेक पोद्दार के साथ अन्य दुकानदारों ने बताया कि अभी आम बाजार जो दिल्ली के लोकल इलाके में लगाया जाता है वे वहां 140 रुपये पाव से 160 रुपये पाव यानी 560 रुपये किलो से लेकर 640 रुपये किलो तक आम ग्राहकों को लहसुन बेचते हैं. इनका कहना है कि जल्द ही बाजार में बड़े पैमाने पर नई लहसुन आने लगेगी जिसके बाद धीरे-धीरे लहसुन की कीमत में गिरावट आने लगेगी. ठंड के समय में अमूमन सारी सब्जियों की कीमत काफी कम हो जाती है. लेकिन डीजल की बढ़ती कीमत सब्जियों के कीमतों को कम करने नहीं देती जिससे खुदरा व्यापारी समेत आम जनता भी परेशान हो रही है.


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