दक्षिण-पूर्व दिल्ली के कालकाजी इलाके में मंगलवार रात उस समय हड़कंप मच गया, जब पुलिस को दो युवकों को गोली लगने की सूचना मिली. मामला कालकाजी मेन मार्केट का है, जहां देशबंधु कॉलेज के पास टी-पॉइंट पर फायरिंग की बात कही गई थी. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई, लेकिन वहां से न कोई कारतूस मिला, न खून के निशान, और न ही कोई चश्मदीद.

पीसीआर कॉल से फैलाई सनसनी, लेकिन बयान देने को नहीं हुए तैयार

डीसीपी हेमंत तिवारी के मुताबिक, रात करीब 11:15 बजे पीसीआर कॉल से पुलिस को सूचना मिली कि दो लोगों को गोली मारी गई है. कॉल करने वाले ने खुद को और अपने दोस्त को घायल बताया. 

दोनों को तुरंत सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी पहचान, ओखला फेज-3 के श्याम नगर निवासी देव मलिक और तुगलकाबाद एक्सटेंशन के निर्भय भाटी के रूप में हुई. हालांकि, पुलिस ने जब उनके बयान दर्ज करने की कोशिश की, तो दोनों ने अस्पताल में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि इलाज के बाद खुद थाने पहुंचकर बयान देंगे.

एमएलसी रिपोर्ट ने बदल दिया पूरा मामला

पुलिस के लिए असली झटका तब आया, जब अस्पताल से मिली मेडिकल रिपोर्ट (एमएलसी) में खुलासा हुआ कि दोनों युवकों के जख्म गोली से नहीं, बल्कि किसी अन्य कारण से हुए हैं. यानी जो दावा किया गया, वह मेडिकल रिपोर्ट से मेल नहीं खा रहा. इससे मामला और पेचीदा हो गया.

घटनास्थल पर नहीं मिला कोई फायरिंग का सबूत, CCTV जांच जारी

पुलिस टीम जब कथित घटनास्थल, जहां फायरिंग की बात कही गई थी, पहुंची तो वहां न कोई गोली का खोल मिला, न कोई खून के धब्बे. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया जो फायरिंग की पुष्टि करता हो. पुलिस को शक है कि यह कोई और मामला हो सकता है जिसे फायरिंग का रंग देने की कोशिश की जा रही है.

फिलहाल फायरिंग की पुष्टि नहीं, पुलिस जांच में जुटी

डीसीपी के मुताबिक अब तक की जांच में गोली चलने की पुष्टि नहीं हुई है. घायल युवकों के बयान मिलने के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी. पुलिस ने कहा है कि मामला संदिग्ध है और फिलहाल सभी पहलुओं से जांच जारी है.

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