दिल्ली के हरी नगर इलाके में पुलिस ने तीन ऐसे शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो "लिफाफा गैंग" के नाम से कुख्यात थे. ये गैंग बुजुर्ग नागरिकों खास तौर पर महिलाओं को कार में लिफ्ट देने के बहाने अपने जाल में फंसाता था और फिर उन्हें सम्मोहित करके उनके गहने एवं नकद के बदले नकली गहनों से भरा लिफाफा थमा कर फरार हो जाता था. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोशन (52 वर्ष), सागर (35 वर्ष) और दीपक (43 वर्ष) के रूप में हुई है.

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ठगी की शिकायत से शुरू हुई जांच

डीसीपी वेस्ट दराडे शरद भास्कर के मुताबिक, 18 जुलाई 2025 को एक महिला शिकायतकर्ता ने हरिनगर थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़िता ने बताया कि तीन व्यक्तियों ने लिफ्ट देने के बहाने उसे कार में बैठाया और सम्मोहित कर उसके सोने के कान के झुमके और 4,000 रुपये नकद ले लिए. जब वह घर पहुंची तो पाया कि उसके हाथ में दिए गए लिफाफे में असली गहनों की जगह नकली जेवर थे.

ठगी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, एसीपी राजौरी गार्डन नीरज टोका की देखरेख और एसएचओ हरिनगर आशु गिरोत्रा के नेतृत्व में हरिनगर चौकी के इंचार्ज एसआई विक्रांत सिंह की एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें हेड कॉन्स्टेबल श्रीकृष्ण, पिंटू, घनश्याम, आनंद और कांस्टेबल मनोज, नारवीर, एवं मनीष शामिल थे.

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आई10 कार और आधुनिक तकनीक से पकड़े गए आरोपी

टीम ने आरोपियों की तलाश में कई सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और ANPR तकनीक की मदद से गाड़ी का पता लगाया. जांच में सामने आया कि अपराध में इस्तेमाल की गई i10 कार फर्जी नंबर प्लेट के साथ घूम रही थी. लगातार ट्रेस करने के बाद 11 अक्टूबर को पुलिस को सूचना मिली कि "लिफाफा गैंग" स्वर्ग आश्रम रोड की ओर जा रहा है.

त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए टीम ने ट्रैप लगाया और रात करीब 8:15 बजे संदिग्ध आई10 कार को रुकने का इशारा किया. ड्राइवर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन पुलिस ने कार को घेर लिया और तीनों आरोपियों को दबोच लिया.

कार से बरामद हुआ ठगी का सबूत

कार की तलाशी में पुलिस को असली नंबर प्लेट, 22 कागज़ी लिफाफे, एक आर्टिफिशियल चेन, दो अंगूठियां और अन्य सामग्री बरामद हुई, जिसका इस्तेमाल वे ठगी की वारदात में करते थे. पुलिस ने बरामद सामग्री के साथ कार को भी जब्त कर लिया. पूछताछ में तीनों ने एक अन्य मामले में भी अपनी संलिप्तता का खुलासा किया.

आई10 कार का मालिक रोशन पार्ट टाइम ड्राइवर का काम करता है और उस पर दर्जन भर आपराधिक मामले दर्ज हैं. दीपक 15 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है और हाउसकीपिंग का काम करने वाला दीपक 1 मामले में लिप्त पाया गया. आरोपियों ने बताया कि वे आसानी से पैसे बनाने की लालच में बुजुर्गों को ठगी का शिकार बनाने लगे. पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से दो मामलों का खुलासा करने का दावा किया है और मामले की आगे की जांच जारी है.