Eid 2022: गुरुग्राम में नमाज अदा करने के लिए खुले स्थानों की संख्या कम होने की वजह से मंगलवार को ईद के मौके पर मस्जिदों में भारी भड़ी देखी गई. यही वजह है कि यहां कई बार में नमाज अदा की गई. लगभग 12 मस्जिदों और 6 खुले स्थानों पर सुबह छह बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच तीन घंटे तक शांतिपूर्ण तरीके से नमाज ईद की नमाज हुई. जमीयत-उलमा-ए-हिंद गुरुग्राम के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सलीम कासमी ने कहा कि पालम विहार में चोमा मस्जिद में चार बार ईद की नमाज का समय तय किया गया था, लेकिन भीड़ के देखते हुए पांच बार हुआ.

  


मुफ्ती मोहम्मद सलीम कासमी ने कहा कि 5 बार नमाज होने के बाद भी बहुत बड़ी संख्या में लोगों को वापस कर दिया गया, क्योंकि इसके अलावा और 2 से 4 बार नमाज होना संभाव नहीं था. उनके अनुसार नमाजियों को घर पर ही नमाज को अदा करने क लिए कहा गया. उन्होंने बताया कि मस्जिद में एक बार में 1500 से अधिक लोगों ने नमाज अदा की. मुफ्ती कासमी ने कहा कि इससे पहले यहां सिर्फ 3 बार नमाज होती थी और तीसरी बार में लोग कम होते थे.


हिंदू संगठनों ने किया था विरोध


उन्होंने बताया कि एक से दूसरे बार की नमाज के लिए 15 मिनट का अंतर रखा गया था. इससे पहले सोमवार को पुलिस आयुक्त से मस्जिदों के बाहर और खुले स्थानों पर किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा के लिए एक लिखित अनुरोध किया गया था.मुफ्ती कासमी ने कहा कि पिछले साल नमाज अदा करने के लिए लगभग 30 खुले स्थान उपलब्ध थे और इसलिए मस्जिदों में आने वालों की संख्या कम थी. गौरतलब है कि हिंदू संगठनों के कड़े विरोध के बाद पिछले साल खुले स्थानों पर नमाज अदा करने के लिए 30 स्थान दिए गए थे, जिसे घटाकर लगभग 6 कर दिया गया था.


यहां होती है नमाजियों की सबसे ज्यादा भीड़


वहीं राजीव चौक ईदगाह में लगभग 25,000 लोगों ने ईद की नमाज पढ़ी. यहां हर साल सबसे ज्यादा संख्या में लोग ईद की नमाज अदा करते हैं. इसके अलावा मस्जिद से सटे आधा एकड़ जमीन के मालिक ने भी इसे नमाज के लिए दिया था. वहीं नमाज के दौरान ईदगाह पर लाउडस्पीकर लगाने का अनुरोध किया गया था, लेकिन अनुमति नहीं मिली. हरियाणा अंजुमन चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष असलम खान ने कहा कि नमाजियों की बड़ी संख्या को देखते हुए अंजुमन मस्जिद में छह बार नमाज हुई, हालांकि पिछले साल केवल चार बार पढ़े गए थे. सेक्टर 57 के आस-पास काम करने वाले मुस्लिम समाज के लोगों के नमाज अदा करने के लिए यह एक मात्र जगह है. इस बीच यहां मस्जिद में निर्माण पर भी रोक लगी हुई है.


'बढ़ रही है मुस्लिम आबादी'


हरियाणा अंजुमन चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष असलम खान ने कहा कि इस साल न केवल खुले स्थान कम कर दिए गए हैं, बल्कि मुस्लिम आबादी भी बढ़ रही है, जिससे हर साल नमाजियों की बढ़ती संख्या को एडजस्ट करना मुश्किल हो रहा है, खासकर तब जब मस्जिद में निर्माण पर रोक लगा दी गई है.


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