राजधानी दिल्ली इन दिनों प्रदूषित हवा के चलते हैजडर्स श्रेणी में है. बीते एक महीने से AQI 400 से ऊपर बना हुआ है. स्थिति सुधरते न देख ग्रैप-3 फार्मूला भी लागू किया लेकिन हालत अभी भी नहीं सुधर रहे. हालांकि, इसी राजधानी में एक घर ऐसा भी है, जिसका AQI 10 से नीचे रहता है.  इसे देख हर कोई दंग है. सरदार पीटर सतवंत सिंह का घर द्वारका में है जोकि जीता-जागता एक ग्रीन हाउस है. यहां बेहतर ऑक्सीजन लेवल के साथ AQI हमेशा नीचे ही रहता है.

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इन्होने घर में सैकड़ों में पौधे लगा रखे हैं जो 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं, इसके साथ ही खुद ही घर में सब्जियां उगाते हैं और सोलर प्लांट भी खुद का लगा है.

पूरे घर में सिर्फ एक खिड़की-घुटन का नामो-निशान तक नहीं

पीटर सिंह पत्नी के साथ द्वारका स्केटर 22 में रहते हैं. बाहर की जहरीली हवा देखकर कोई झांक ले तो उसे यकीन नहीं होता कि घर में इतनी अच्छी हवा है. पूरे घर में में सिर्फ एक बड़ी खिड़की है, लेकिन उसका डिज़ाइन ऐसा है कि नेचुरल वेंटिलेशन और एयर सर्कुलेशन हमेशा बना रहता है. घर में  200 से ज्यादा इनडोर प्लांट्स लगे हैं जो 24 घंटे कार्बनडाई ऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं.

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पीटर के मुताबिक उन्होंने ये घर 2018 में बनाना शुरू किया था. उस वक़्त भी दिल्ली की हवा खराब थी, लेकिन अब हालात उससे भी बद्तर हो चुके. मैंने इसलिए घर में हवा साफ़ रहे उस तरीके से सोचकर यह घर बनाया. आज यह एक ऑक्सीजन जंगल है.

दीवारों पर वेर्तिकल गार्डन,200 से ज्यादा ऐसे पौधे जो दिन रात ऑक्सीजन छोड़ते हैं. यही नहीं बिजली कनेक्शन के बजाय सोलर पैनल लगा है, घर ऐसे डिजाइन किया गया है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बेहतर काम करे. किचन वेस्ट से खाद को पौधों के लिए इस्तेमाल करते हैं.

पत्नी की बीमारी की वजह से बनाया था घर

पीटर के मुताबिक उनकी पत्नी पहले अस्थमा की मरीज थीं, और भी कई बीमारियाँ थीं. जब से यह घर बनाया दवाईयां घर से बहार हो चुकीं. अब तो आस-पड़ोस के बच्चे जिन्हें सांस लेने में तकलीफ रहती है वे घर में आ जाते हैं.

18-20 लाख खर्च हुआ था

पीटर के मुताबी अब से छह से सात साल पहले इस घर को बनाने में मैंने 18 से बीस लाख रुपए खर्च किए थे. आज भी कोई 25 से तीस लाख में बन जाएगा. अगर घर सुकून दे तो फिर उसकी कीमत नहीं होती.उन्होंने लोगों से अपील की घरों में ऐसे पौधे लगाकर कुछ तो प्रदूषण कम कर सकते हैं.