DPS Dwarka News: दिल्ली सरकार ने डीपीएस द्वारका को बड़ा झटका देते हुए 32 निष्कासित छात्रों को दोबारा दाखिला देने का आदेश जारी किया है. ये छात्र फीस न भरने की वजह से स्कूल से निकाले गए थे. लेकिन, अब शिक्षा निदेशालय (DoE) ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन छात्रों को दोबारा स्कूल में शामिल किया जाए और उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव न किया जाए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आदेश दिल्ली हाईकोर्ट के 16 अप्रैल 2024 के निर्देशों के आलोक में दिया गया है, जिसमें कोर्ट ने स्कूल को फटकार लगाते हुए छात्रों को परेशान न करने और जबरन कोई कार्रवाई न करने की बात कही थी. कोर्ट ने डीपीएस द्वारका की इस कार्रवाई को "चिंताजनक" करार देते हुए स्कूल पर 'मुनाफाखोरी' का आरोप भी लगाया था.

फीस वृद्धि के विरोध पर कार्रवाईकोर्ट ने विशेष तौर पर उन छात्रों के साथ सम्मानजनक व्यवहार की बात कही है, जिन्होंने फीस वृद्धि के विरोध में आवाज उठाई थी. कोर्ट ने चेतावनी दी कि उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव या अपमानजनक रवैया नहीं अपनाया जाए. इस पूरे विवाद के बीच, शिक्षा निदेशालय को 9 से 13 मई के बीच कई अभिभावकों से शिकायतें मिलीं. इसके बाद एक उच्च स्तरीय निरीक्षण टीम ने स्कूल का दौरा किया और दोनों पक्षों की बात सुनी. 

निरीक्षण दल की टिप्पणियांनिरीक्षण दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि छात्रों को निष्कासित करने का कोई वैध या ठोस आधार नहीं था. टीम ने यह भी पाया कि कुछ छात्रों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना स्कूल बस से घर भेजा गया, जो पूर्णतः अनुचित है. साथ ही, जुलाई 2024 में हाईकोर्ट के आदेश की स्कूल द्वारा अलग-अलग व्याख्या की जा रही है, जिससे कानूनी अस्पष्टता उत्पन्न हो रही है. निरीक्षण टीम ने स्पष्ट किया कि मई 2024 में DoE द्वारा फीस वृद्धि को खारिज करने वाला आदेश अभी भी प्रभावी है और उस पर कोई स्थगन नहीं है. इसके अलावा, छात्रों के प्रवेश पत्र या ट्रांसफर सर्टिफिकेट को रोकना पूरी तरह अनुचित है.

अब शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रमुख या प्रबंधक से 3 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि कोर्ट और सरकार के आदेशों का पालन कैसे किया जा रहा है. इससे पहले 102 छात्रों के अभिभावकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्कूल की मनमानी और न्यायिक आदेशों के उल्लंघन की जांच की मांग की थी. इस याचिका में उन्होंने DoE से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की थी.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान DoE ने स्पष्ट रूप से याचिकाकर्ता अभिभावकों का समर्थन किया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को निर्धारित है, जहां स्कूल की कार्रवाई पर कोर्ट की अगली टिप्पणी सामने आ सकती है.