DPS Dwarka Fee Dispute Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारका के खिलाफ करीब 100 अभिभावकों द्वारा दाखिल याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में स्कूल द्वारा ज्यादा फीस वसूलने का आरोप लगाया है, वहीं दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में दिल्ली के उपराज्यपाल से स्कूल के अधिग्रहण करने की भी मांग की गई है. दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने याचिका कर्ताओं और स्कूल प्रशासन के वकीलों की दलीलों के सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

अभिभावकों ने दी दिल्ली HC को जानकारी 

दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि शिक्षा विभाग ने गुरुवार को एक आदेश पारित कर DPS द्वारका को निर्देश दिया है कि वह उन छात्रों को दोबारा स्कूल में दाखिला दे. जिनके नाम फीस न भरने के कारण काट दिए गए थे.

वहीं शिक्षा विभाग ने यह भी कहा कि छात्रों के खिलाफ कोई भी एक्शन ना लिया जाए और उन्हें नियमित क्लास अटेंड करने दिया जाए. वहीं कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि स्कूल शिक्षा को कमर्शियल बन चुका है और फायदा कमाने की आड़ में लगातार अनियमितताएं कर रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा कि एजुकेशन विभाग के निर्देश के बावजूद स्कूल के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है.

स्कूल प्रशासन ने लगाया आरोप 

दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान स्कूल प्रशासन की तरफ से कोर्ट को जानकारी दी गई कि स्कूल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील के खिलाफ एक याचिकाकर्ता ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि अभिभावकों की तरफ से पेश वकील ने मामले के सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि वह इस शिकायत का समर्थन नहीं करते और यदि शिकायत किसी द्वारा कराई गई है तो इस मामले में उचित कार्रवाई होनी चाहिए.

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया था अहम सुझाव 

दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारका में फीस विवाद के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में पेश अभिभावकों को यह सुझाव दिया था कि वह फीस की 50% राशि जमा कर दें जो याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर होगा. हालांकि कोर्ट द्वारा दिए गए इस सुझाव को अभिभावकों ने मानने से मना कर दिया था. 

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि शिक्षा विभाग ने मई 2023 में DPS द्वारका को 2022-23 सत्र की अतिरिक्त और बिना किसी प्रमाण के बढ़ी फीस वापस करने का निर्देश दिया था. इसके अलावा विभाग ने छात्रों को किसी भी प्रकार से उनके पढ़ाई में नुकसान न होने देने के भी निर्देश दिए थे.

ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ताओं ने यह सवाल उठाया है कि जब शिक्षा विभाग को स्कूल की अनिमितताओं की जानकारी है. तो संविधान के आर्टिकल 293AA के तहत उपराज्यपाल की अनुमति लेकर डीपीएस द्वारका का अधिग्रहण क्यों नहीं कर रहा है.