Odd-Even Scheme In Delhi: ऑड-ईवन पर एलजी-दिल्ली सरकार के बीच विवाद, राजनिवास के अफसरों ने लगाए अदालत को गुमराह करने का आरोप
Odd-Even Scheme Today: राजनिवास के अफसरों के मुताबिक दिवाली के बाद बहु प्रचारित सम-विषम योजना लोगों और अदालत को गुमराह करने के अतिरिक्त कुछ नहीं है. ताकि वायु प्रदूषण से ध्यान भटकाया जा सके.

Delhi News: दिल्ली राजनिवास के अधिकारियों ने आम आदमी पार्टी सरकार पर अदालत और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप-4) के चौथे चरण को लागू करने के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेजी गई फाइल में कहा गया था कि सम-विषम (Odd-Even Scheme) पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. राज निवास के एक अधिकारी ने कहा, “दिवाली के बाद वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए आप सरकार द्वारा कल घोषित बहु प्रचारित सम-विषम योजना कुछ नहीं बल्कि लोगों और अदालत को गुमराह करने की कोशिश है. ताकि राजधानी में वायु प्रदूषण के कारण गंभीर संकट से ध्यान भटकाया जा सके.”
दिल्ली सरकार फाइल से साफ है कि ग्रैप के चौथे चरण के तहत उपायों के अंतर्गत सम-विषम योजना को लागू करने के निर्णय को मंत्री गोपाल राय ने मंजूरी नहीं दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय ने गोपाल राय द्वारा प्रस्तावित वाहनों के ‘सम-विषम’ आधार पर परिचालन पर निर्णय को स्थगित करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी, क्योंकि मुख्यमंत्री शहर से बाहर थे.
LG को भेजी फाइल में क्या है?
राजनिवास के अधिकारी ने बताया कि एलजी को भेजी गई फाइल में प्रस्तावित है कि 11वीं कक्षा तक के लिए सभी प्रत्यक्ष कक्षाएं बंद कर दी जाएं और कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएं. सरकारी, निगम और निजी कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करें. सभी कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियां बंद कर दी जाएं और वाहनों को सम-विषम पंजीकरण संख्या के आधार पर चलाया जाए. एलजी कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक गोपाल राय और मुख्यमंत्री ने वाहनों के सम-विषम परिचालन को छोड़कर सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे दी, क्योंकि वे चाहते थे कि (सम विषम को) लागू करने पर निर्णय विशेषज्ञों की सलाह के बाद लिया जाए. इसके बाद फाइल को एलजी की मंजूरी के लिए एलजी सचिवालय भेजा गया. उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी सूचना में जान बूझकर की गई इस गलतबयानी के बारे में बताया है. एलजी सचिवालय ने कहा कि फाइल उन्हें चार नवंबर को भेजी गई थी, जबकि ग्रैप के चौथे चरण के तहत उपायों को लागू के आदेश के बारे में सार्वजनिक घोषणाएं पहले ही मीडिया में की जा चुकी थी. आदेश पांच नवंबर को ही जारी कर दिया गया था. मीडिया में इस आशय की घोषणाएं लोगों के साथ-साथ न्यायालयों को भी गुमराह करने के समान हैं, जो शहर में गंभीर वायु प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.'
अफसर एलजी को कर रहे गुमराह: गोपाल राय
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसके जवाब में कहा- सम-विषम योजना लागू करने का फैसला छह नवंबर को लिया गया था. राजनिवास के अधिकारी जिस फाइल की बात कर रहे हैं, उसे चार नवंबर को एलजी वीके सक्सेना की मंजूरी के लिए भेजा गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी वीके सक्सेना को 'गुमराह' कर रहे हैं. ऑड ईवन स्कीम के कार्यान्वयन की फाइल परिवहन विभाग एलजी को भेजेगा. मंगलवार को पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ‘सम- विषम’ योजना को अंतिम रूप देते समय प्रदूषण पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को ध्यान में रखेगी.
ऑड ईवन की फाइल भेजने की प्रक्रिया में है
अधिकारियों पर एलजी को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए राय ने कहा, ''जिस फाइल के आधार पर वह बता रहे हैं कि सम विषम का प्रस्ताव सरकार की ओर से आया है, वह चार नवंबर की है. इसके आधार पर पांच नवंबर की शाम को सीएक्यूएम ने ग्रैप के चौथे चरण को लागू करने का फैसला किया. अगले दिन छह नवंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सचिवालय में एक बैठक बुलाई. उस बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली में सम विषम लागू किया जाएगा.' सम विषम लागू करने का फैसला छह नवंबर को लिया गया था. ऐसे में चार नवंबर की फाइल में सम विषम कैसे लिखा जा सकता है? अब इसकी फाइल भेजने की प्रक्रिया चल रही है. मोटर वाहन अधिनियम के तहत सम विषम लागू किया जाता है. परिवहन विभाग इस पर काम कर रहा है.
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Source: IOCL





















