दिल्ली के कश्मीरी गेट थाना पुलिस ने ऑपरेशन मिलाप के तहत इंसानियत और भावनात्मकता की बेहतरीन मिसाल पेश की है. पुलिस ने एक 21 वर्षीय दिव्यांग युवती जो कि अपने घर से भटक कर दिल्ली आ गयी थी, उसके परिजनों का महज 4 घंटों में पता लगा कर उनके हवाले कर दिया. युवती हरियाणा के पानीपत की रहने वाली है, जो अपने घर से दिल्ली के आईएसबीटी पहुंच गई थी.

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डीसीपी नॉर्थ राजा बांठिया के मुताबिक, 22 अक्टूबर की दोपहर करीब 12:30 बजे कश्मीरी गेट आईएसबीटी के प्लेटफॉर्म नंबर 36 पर एक 21 वर्षीय विशेष रूप से सक्षम (दिव्यांग) युवती, जो खुद का पता बताने में असमर्थ थी, एक निजी कंपनी की महिला सिक्योरिटी गार्ड को मिली. जिसने मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए तुरंत ही इसकी सूचना आईएसबीटी पुलिस चौकी को दी और युवती को पुलिस के हवाले किया.

सूचना मिलने पर सक्रिय हुई पुलिस

सूचना मिलते ही एसएचओ कश्मीरी गेट प्रशांत यादव की देखरेख और चौकी इंचार्ज एसआई नीरज कुमार के नेतृत्व में एएसआई मुकेश, हेड कॉन्स्टेबल मुकेश और महिला सिक्योरिटी गार्ड कीर्ति की टीम गठन किया गया. टीम ने युवती के परिवार को ढूंढने के लिए तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू किया.

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थैले से मिला सुराग, पुलिस ने पिता से साधा संपर्क

कड़ी मेहनत और लगातार पूछताछ के बाद पुलिस टीम को युवती के बैग से एक पर्ची मिली, जिस पर एक मोबाइल नंबर लिखा था. जो युवती के परिजनों की तलाश में अहम साबित हुआ. पुलिस ने तुरंत उस नंबर पर संपर्क किया, जो युवती के पिता एस. सिंह का निकला. सूचना मिलते ही वे हरियाणा के पानीपत से दिल्ली के आईएसबीटी पहुंचे.

तीन दिन से थी लापता, खेतों में व्यस्त थे परिवारजन

पिता ने बताया कि उनकी बेटी 19 अक्टूबर की शाम करीब 6 बजे घर से बिना बताए निकल गई थी, उस वक्त परिवार के सभी सदस्य खेती के काम में व्यस्त थे. उन्होंने गांव और आसपास के इलाकों में हर संभव खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. उन्होंने बताया कि उन्होंने ही बेटी के पास एक पर्ची रखी थी, जिस पर उनका नम्बर लिखा है ताकि किसी आपात स्थिति में मदद मिल सके.

मंदिर में बिताए दिन और दिल्ली तक का सफर

पुलिस पूछताछ में पता चला कि युवती ने गांव के पास एक मंदिर में कुछ दिन गुजारे थे और 22 अक्टूबर को हरियाणा रोडवेज की बस में सवार होकर दिल्ली के आईएसबीटी पहुंच गई. जांच में किसी तरह की साजिश या आपराधिक पहलू की संभावना से पुलिस ने इंकार किया है.

चार घंटे में परिवार से मिलवाया

पुलिस की सतर्कता और संवेदनशीलता के चलते युवती को महज चार घंटे में सुरक्षित परिवार के हवाले कर दिया गया. इस दौरान परिवार की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे. पिता ने दिल्ली पुलिस का आभार व्यक्त कर उनका धन्यवाद किया.