Delhi News: चीन में तेजी से फैल रहे माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma Pneumonia) से लोग भयभीत हैं. अब इस बीमारी के भारत में भी दस्तक देने की बात कही जा रही है. यह भी दावा किया जा रहा है कि दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के सात लोग पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. अप्रैल महीने से लेकर अक्टूबर 2023 के बीच सात सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं. 67 लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं. वैश्विक स्तर पर माइकोप्लाज्मा निमोनिया के बढ़ते केसों को देखते हुए भारत को भी सतर्क रहने की जरूरत है. इस पर अब भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जवाब आया है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि जो भी मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा कर रहे हैं कि दिल्ली एम्स में मिले बैक्टीरियल केसेज का चीन में हुए निमोनिया आउटब्रेक से कोई कनेक्शन है, सभी भ्रामक और गलत हैं. माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय से प्राप्त होने वाले निमोनिया का सबसे कॉमन बैक्टीरियल कारण है. दिल्ली एम्स में मिले निमोनिया के मामलों का चीन के बच्चों में फैले रेस्पिरेटरी संक्रमण की लहर से कोई लेना देना नहीं है.
माइकोप्लाज्मा निमोनिया के क्या है लक्षण?
दरअसल देश में माइकोप्लाज्मा निमोनिया का परीक्षण समय-समय पर ग्लोबल सर्विलांस ग्रुप की तरफ से किया जाता है. चीनी मीडिया ने पहली बार 23 नवंबर को स्कूलों में एक रहस्यमयी बीमारी फैलने की बात कही थी. चीन में पहली बार अक्टूबर महीने में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मरीज मिले थे. माइकोप्लाज्मा निमोनिया से ग्रसित बच्चों में खांसी, जुकाम, फेफड़ों में जलन, तेज बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं. इसको लेकर भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 10 दिन पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एडवाइजरी जारी की थी.
निमोनिया के सामान्य लक्षणों की अगर बात करें तो बलगम और बिना बलगम की खांसी, इसके साथ ही बुखार, सांस लेने में परेशानी, ठंड लगना शामिल हैं. इसके अलावा चीन में जो रहस्यमयी निमोनिया फैल रहा है, उसमें बिना खांसी के ही तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन आ जाती है.
यह भी पढ़ें: Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘वॉक विद वाइल्डलाइफ’ कार्यक्रम पर लगाई रोक, जानें- क्या है वजह?