सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के दूसरे दिन बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिल्ली में बड़ा बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा समाज में सद्भाव और हिंदू एकता के लिए निकाली गई है. जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा, तब तक वे पदयात्राएं जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, "हम रुकेंगे तब जब भारत हिंदू राष्ट्र होगा."

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शास्त्री ने कहा कि इस पदयात्रा का उद्देश्य किसी राजनीतिक दल का समर्थन या विरोध नहीं है, बल्कि यह हिंदू समाज को एकजुट करने की मुहिम है. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि हिंदू जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर एक हों. यह यात्रा सामाजिक समरसता का प्रतीक है.” पदयात्रा में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए शास्त्री ने भावनात्मक लहजे में कहा, “यह सब बागेश्वर धाम के पागल हैं. हम कोई नेता नहीं और ये जनता नहीं, बल्कि हमारे परिवार के सदस्य हैं.”

पदयात्रा में उमड़ी भारी भीड़

दिल्ली में निकली इस पदयात्रा में दूसरे दिन 8 नवंबर को हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. हाथों में भगवा ध्वज लिए लोगों ने ‘जय श्रीराम’ और ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाए. भीड़ में महिलाएं, युवा और वृद्ध सभी उत्साह से भरे दिखे. आयोजन के दौरान एएनआई को दिए बयान में शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा बांके बिहारी के मिलन और सनातन धर्म के उत्थान का संदेश लेकर चली है. उनका कहना था कि हिंदुओं में एकता और गर्व की भावना जागृत करना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है.

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भारत अवश्य बनेगा हिंदू राष्ट्र- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने भाषण के अंत में कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है. “हम निरंतर पदयात्राएं करते रहेंगे जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बनता. हमारा लक्ष्य स्पष्ट है कि हिंदू एकता और सनातन संस्कृति की रक्षा.” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक देश में विभाजन और जातिगत दीवारें हैं, तब तक हिंदू समाज को एकजुट रहने की जरूरत है. उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस यात्रा को आंदोलन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक जागरण के रूप में देखें.