दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों और सीटों की कमी के कारण गरीब, वंचित, पिछड़े वर्ग के परिवार के छात्र अत्यधिक फीस देकर निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने के लिए मजबूर हैं.

जिसके कारण गरीब परिवारों के बच्चे गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. इसके लिए पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी की सरकार और वर्तमान बीजेपी सरकार जिम्मेदार थी.

दिल्ली की उच्च शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

देवेंद्र यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी पिछली सरकार और बीजेपी ने जानबूझकर दलितों, पिछड़ों और हाशिए पर पड़े बच्चों की कीमत पर निजी विश्वविद्यालयों को फलने-फूलने दिया और अरविन्द केजरीवाल ने नए विश्वविद्यालय और 20 नए कॉलेज खोलने का वादा करके 11 वर्षों में एक भी कॉलेज दिल्ली विश्वविद्याल के अंतर्गत अथवा स्वतंत्र नहीं खोला गया.

देवेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल करके से इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय का गठन करके उसका विस्तार किया. अंबेडकर विश्वविद्यालय स्थापित किया.

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना, एक तकनीकी विश्वविद्यालय और एक आवासीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की. जिसके बाद देश और दिल्ली के छात्र उच्च शिक्षा के लिए अन्य शहरों और विदेशों में जाने के बजाय राजधानी में ही विभिन्न पाठ्यक्रमों को चुनकर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान किए.

देवेंद्र यादव ने गिनाईं कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां

देवेंद्र यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने 15 साल के कार्यकाल में 6 विश्वविद्यालयों और 30 नए कॉलेजों की स्थापना की, जबकि पिछली केजरीवाल सरकार और अब बीजेपी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र का सिर्फ राजनीतिकरण किया. बीजेपी की केन्द्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में निजीकरण को प्रोत्साहन देने के कारण गरीब परिवारों के छात्र राजधानी में सीमित कॉलेजों में प्रवेश पाने में असमर्थ हैं.

पिछली केजरीवाल सरकार पर भी साधा निशाना

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने नए कॉलेज खोलने की जगह दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत 12 कॉलेज जो दिल्ली सरकार के अनुदान से चलते थे उनका अनुदान रोककर इनमें कार्यरत शिक्षकों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया. जिसके परिणामस्वरूप, कॉलेज शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान महीनों तक नहीं किया गया और कॉलेजों में शिक्षण और बच्चों का भविष्य प्रभावित हुआ.

देवेन्द्र यादव ने कहा कि बीजेपी की दिल्ली सरकार को ग्रामीण, दिल्ली देहात और ट्रांस यमुना क्षेत्रों में और अधिक नए कॉलेज स्थापित करने की जरुरत है ताकि गरीब, वंचित, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों के छात्र भी गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें.

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