Devender Yadav On Rekha Gupta Govt: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली में पालतू पशुओं और डेयरी के खिलाफ बीजेपी सरकार की कार्रवाई पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में धीरे-धीरे खेती खत्म हो रही है और किसान परिवार अपने गुजारे के लिए एक-दो दुधारू जानवर रखकर जीवन चला रहे हैं, लेकिन यह सरकार की आंखों में खटक रहा है.

देवेन्द्र यादव ने बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमें समझ नहीं आता कि बीजेपी सरकार दिल्ली वालों को शुद्ध दूध क्यों नहीं पीने देना चाहती? सरकार उन डेयरियों को भी हटाने की योजना बना रही है, जिन्हें खुद सरकार ने बसाया था.

'जीवनयापन के लिए दुधारू पशु क्यों नहीं रख सकते'

यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए तंज कसा कि जब प्रधानमंत्री अपने निवास पर गाय रख सकते हैं, तो दिल्ली देहात के लोग अपने जीवनयापन के लिए दुधारू पशु क्यों नहीं रख सकते? उन्होंने सवाल उठाया, "क्या कानून प्रधानमंत्री और एक आम नागरिक के लिए एकसमान नहीं है?" उनका कहना था कि सरकार की नीतियां गरीब किसान परिवारों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं.

पूर्व CM शीला दीक्षित के कार्यकाल की तारीफ

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से आवारा पशुओं पर सख्त कार्रवाई के निर्देशों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि ये आवारा पशु दिल्ली नगर निगम और पुलिस की मिलीभगत के कारण सड़कों पर घूम रहे हैं, जो सरकार की नाकामी को उजागर करता है. यादव ने कांग्रेस की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा, ''उनकी सरकार ने पशुओं के लिए गौशालाएं बनाई थीं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) और बीजेपी ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया.'' 

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि 'आप' ने अपने शासन में कुछ नहीं किया और अब बीजेपी भी पशुधन का संरक्षण करने की बजाय लीपापोती कर रही है. ये दोनों पार्टियां पशुधन रखने वाले लोगों को बर्बाद करने पर तुली हैं." 

'पशुधन और डेयरियों को संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए सरकार'

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो दिल्ली के किसान परिवारों और पशुपालकों का जीवन और मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि पशुधन और डेयरियों को संरक्षण देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि दिल्ली वालों को शुद्ध दूध मिल सके और किसानों की आजीविका भी बची रहे.