Delhi Zoo: पिछले ढाई सालों में दिल्ली के चिड़ियाघर (Zoo) में कम से कम सात शेर  और चीतों की मौत हुई है. ये जानकारी  दिल्ली चिड़ियाघर (Delhi Zoo) के अधिकारियों से प्राप्त आंकड़ों से मिली है. वहीं चिड़ियाघर प्रशासन ने इनमें से प्रत्येक घातक घटना की जांच करने की योजना बनाई है.

नेशनल जूलॉजिकल पार्क (National Zoological Park) के रूप में जाना जाने वाले दिल्ली चिड़ियाघर में राष्ट्रीय संरक्षण प्रजनन कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में एशियाई शेर, सफेद बाघ और शाही बंगाल बाघ हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सात में से चार शिकारी जानवरों की मौतें किडनी खराब होने के कारण हुईं.

कैद में रहने वाले बड़े शिकारी जानवरों को किडनी की बीमारी का खतरा ज्यादा

चिड़ियाघर की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, कैद में रहने वाले शेर-बाघ जैसे बड़े शिकारी जानवरों में किडनी की बीमारी होने का बहुत खतरा रहता है, इसकी वजह ये है कि वे गतिविधियों और कसरत की कमी की वजह से मोटापे का शिकार हो जाते हैं. इस परेशानी के समाधान के लिए उन्हें अलग-अलग तरह का भोजन दिया जाता है. इतना ही नहीं शेर-बाघ जैसे बड़े शिकारी जानवरों के बाड़ों में उनकी गतिविधियो पर निगरानी रखने के लिए उपकरण भी रखे जाते हैं. इतना ही नहीं उनके स्वास्थ्य की जांच भी की जा सकती है.

मौजूदा जानवरों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी

21 फरवरी को कार्यभार संभालने वाले चिड़ियाघर के निदेशक धर्म देव राय ने कहा कि शेरों और बाघों की मौतें उनके कार्यकाल से पहले हुई हैं और उन्हें मामलों का आकलन करने के लिए समय की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि,“मुझे कार्यभार संभाले कुछ ही दिन हुए हैं, और इन मामलों को देखने में कुछ समय लगेगा. हालांकि, मौत के कारणों और इससे जुड़ी सभी रिपोर्ट्स को पिछले डायरेक्टर्स को भी पेश किया गया था लेकिन कुछ भी अजीब नहीं निकला. हम अभी भी अपने सभी मौजूदा जानवरों के स्वास्थ्य की जांच करेंगे. ”

इन जानवरों की हुई है पिछले ढाई साल में मौत

रिकॉर्ड बताते हैं कि हाल ही में एक आठ वर्षीय शेरनी हेमा की मौत हुई थी. उसके कथित तौर पर 'मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर' हो गए थे और 10 जनवरी को उसकी मृत्यु हो गई थी. हेमा को चंडीगढ़ के छतबीर चिड़ियाघर से दिल्ली के चिड़ियाघर में एक शेर अमन के साथ लाया गया था. अमन का पिछले साल 9 मई को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था.

वहीं छह साल की सफेद बाघिन निर्भया को 14 दिसंबर, 2020 को 'एक्यूट कार्डियक फेल्योर' हो गया था. उसकी दो शावकों को जन्म देने के तुरंत बाद मौत हो गई थी. जहां एक शावक की सी-सेक्शन प्रक्रिया के दौरान मौत हो गई, वहीं दूसरे की 19 दिन बाद मौत हो गई थी.

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15 वर्षीय शाही बंगाल टाइगर की भी 2020 में मौत हो गई थी

रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली के चिड़ियाघर ने 19 नवंबर, 2020 को क्रोनिक किडनी विकार और उम्र से संबंधित मुद्दों के कारण बिट्टू नाम के एक 15 वर्षीय शाही बंगाल टाइगर को भी खो दिया था. बंगाल के बाघ आमतौर पर जंगलों में 8-10 साल और कैद में 15 साल तक रहने के लिए जाने जाते हैं. वहीं 11 वर्षीय शेरनी अखिला की 7 अक्टूबर, 2020 को 'एक्यूट किडनी फेल्योर' की वजह से मौत हो गई थी जबकि एक 13 वर्षीय सफेद बाघिन कल्पना की 'गुर्दे की विफलता' के कारण मृत्यु हो गई थी. वहीं 2019 में आठ साल के बंगाल टाइगर रामा की मौत किडनी फेल हो जाने की वजह से हुई थी.

दिल्ली के चिड़ियाघर में बड़े शिकारी जानवरों की कितनी है संख्या

गौरतलब है कि दिल्ली के चिड़ियाघर में फिलहाल पांच सफेद बाघ हैं. इनमें से तीन नर और दो मादा हैं. वहीं चार बंगाल टाइगर्स हैं जिनमें से तीन मादाएं हैं और एक नर हैं. इनके अलावा चिड़ियाघर में चार शेर हैं जिनमें दो नर और दो मादाएं हैं.

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