केंद्र सरकार ने 20 सालों से चले आ रहे मनरेगा कानून (महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट) की जगह लेने के लिए एक नया बिल पेश किया है. वहीं अब मनरेगा का नाम बदले जाने का विरोध भी तेज हो गया है. मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में युवा कांग्रेस ने राजधानी दिल्ली के रायसीना रोड पर संसद के पास होर्डिंग लगाकर विरोध जताया और महात्मा गांधी की विरासत और मजदूरों के अधिकारों पर हो रहे कथित हमलों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.

Continues below advertisement

युवा कांग्रेस ने आज संसद भवन के नजदीक रायसीना रोड, नई दिल्ली पर ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अमर रहे’ का होर्डिंग लगाया. यह होर्डिंग मनरेगा योजना का नाम बदले जाने और इस कानून को कमजोर किए जाने के विरोध में लगाया गया. इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने की. उन्होंने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं बल्कि करोड़ों गरीब और मजदूर परिवारों की जीवनरेखा है, जिसे कमजोर करना सीधे तौर पर आम जनता के हितों पर हमला है.

नफरत की राजनीति का लगाया आरोप

अक्षय लाकड़ा ने कहा कि नाथूराम गोडसे ने नफरत की राजनीति के तहत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की थी. आज उसी नफरत और आरएसएस की विचारधारा के तहत गांधी जी के नाम से जुड़ी इस योजना का नाम बदलने और कानून को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.

Continues below advertisement

'भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रही बीजेपी'

उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रही है और तुष्टिकरण को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ धार्मिक मुद्दों पर राजनीति हो रही है, जबकि दूसरी ओर देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है.

'दुनिया भर में गांधी को मिलता है सम्मान'

अक्षय लाकड़ा ने कहा कि जब भी विश्व का कोई बड़ा राजनेता भारत आता है, वह महात्मा गांधी को नमन करता है. गांधी जी को जो सम्मान पूरी दुनिया में मिला है, वैसा बहुत कम लोगों को नसीब हुआ है. उन्होंने कहा कि गांधी जी का सपना था कि देश के किसी भी नागरिक को दुख न हो और हर हाथ को काम मिले. मनरेगा इसी सोच का प्रतीक था, लेकिन मोदी सरकार ने इस योजना को कमजोर कर गांधी जी के विचारों को खत्म करने का प्रयास किया है.

गांधी के विचार मिटाए नहीं जा सकते

दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हिंदुस्तान की मिट्टी में गांधी के विचार और आदर्श घुले हुए हैं. यह सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, न तो गांधी का नाम मिटा पाएगी और न ही मजदूरों के अधिकारों को छीनने की साजिश में सफल हो पाएगी.