भारी बारिश, जगह-जगह जलभराव के बाद, अब यमुना में उफान से दिल्ली के निचले इलाके बाढ़ग्रस्त हो गए हैं, और यह स्थिति साल 2023 में दिल्ली में आई बाढ़ की तस्वीर की याद दिला रही है. निचले इलाकों में यमुना के पानी के आने के बाद लोगों को वहां से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.

वहीं, यमुना का पानी खतरे के निशान 205.33 मीटर से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर चढ़ कर 206.76 मीटर पर बनी हुई है. सुबह 6 बजे के आंकड़ों के अनुसार, ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जलस्तर 206.76 मीटर दर्ज किया गया है, जिससे दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है.

इन इलाकों में भरा पानी

बुराड़ी, यमुना बाजार, एमनेस्टी मार्केट, तिब्बती बाजार, बासुदेव घाट जैसे इलाके पानी में डूब गए हैं. वहीं, आईटीओ छठ घाट भी जलमग्न हो चुका है. जबकि, यमुना बाजार में पानी सड़कों पर आ चुका है. यमुना खादर, यमुना वाटिका, आसिता जैसे रिवर फ्रंट से जुड़े पार्कों में भी पानी भर गया है.

गौरतलब है कि दिल्ली में लगातार हो रही बारिश ने निचले इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न कर दी है. वहीं, पहाड़ी इलाकों में अत्यधिक बारिश के कारण बैराजों से लगातार यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे यमुना में पानी का दबाव खतरनाक स्तर तक बढ़ा हुआ है.

निचले इलाको में बाढ़ के बाद लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया 

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 6 बजे तक हथिनीकुंड बैराज से 168,883 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 128,160 और ओखला बैराज से 165,145 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. पानी के दबाव को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

चूंकि यमुना का जलस्तर 206 मीटर को पार कर चुका है, इसलिए निचले इलाके से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. खतरे की आशंका देखते हुए नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है और बड़े पैमाने पर झुग्गियां खाली कर दी गई हैं.

48 से 50 घंटो में दिल्ली पहुंचता है बैराज का पानी

अधिकारियों ने बताया कि 4,500 लोगों को शिविरों में रखा गया है. वहीं, लगातार यमुना के जलस्तर में हो रही वृद्धि से लोग दहशत में आ रहे हैं. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि इसे लेकर दहशत में आने की जरूरत नहीं है. यह एहतिहाती कदम है, जो लोगों की सुरक्षा के लिए उठाया जा रहा है.

प्रशासन ने अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहकर सहयोग करें. बता दें कि बैराज से छोड़ा गया पानी 48 से 50 घंटों में दिल्ली पहुंचता है. यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है.

2023 में यमुना के जलस्तर ने 208.66 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ा था

जलस्तर के 206 मीटर पहुंचते ही प्रशासन निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करना शुरू कर देता है. इससे पहले 13 जुलाई 2023 को यमुना के जलस्तर ने 208.66 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ा था, जिससे राजधानी के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे.