राजधानी के लोगों के लिए संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक आसान और पारदर्शी होने वाली है. राजस्व विभाग ऑनलाइन प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की तैयारी लगभग पूरी कर चुका है. इसके लागू होते ही लोगों को दफ्तरों के चक्कर और लंबी कतारों से राहत मिल जाएगी. नई योजना के तहत संपत्ति खरीदने वाले लोग राजस्व विभाग की वेबसाइट के माध्यम से रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे. पहचान पत्र और बिक्री से जुड़े कागजात ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे. इसके बाद स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान भी डिजिटल माध्यम से किया जा सकेगा.
सत्यापन और तत्काल पंजीकरण की सुविधा
ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक को सिर्फ एक बार सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाना होगा. वहां फोटो और अंगूठे के निशान के जरिए बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा. दस्तावेजों का मिलान होते ही रजिस्ट्री पूरी मानी जाएगी और उसका डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित कर लिया जाएगा. सरकार ऐसे लोगों के लिए भी विकल्प देने जा रही है, जो समय की कमी के कारण तुरंत रजिस्ट्री कराना चाहते हैं. प्रस्तावित व्यवस्था के अनुसार 25 हजार रुपये अतिरिक्त देकर उसी दिन संपत्ति का पंजीकरण कराया जा सकेगा. इससे घंटों या दिनों का इंतजार खत्म हो जाएगा.
कार्यालय विस्तार और डिजिटल नियंत्रण
अभी स्थिति यह है कि संपत्ति पंजीकरण के लिए सुबह से सब-रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचना पड़ता है. दस्तावेजों की जांच, फोटो और अंगूठे की प्रक्रिया में पूरा दिन निकल जाता है. कई बार भीड़ या तकनीकी कारणों से रजिस्ट्री टल भी जाती है, जिससे लोगों को दोबारा आना पड़ता है. सरकार केवल ऑनलाइन व्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि दफ्तरों की संख्या बढ़ाने पर भी काम कर रही है. राजधानी में सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या 22 से बढ़ाकर 39 करने की तैयारी है. इससे कार्यभार बंटेगा और आम लोगों को राहत मिलेगी.
ऑनलाइन पंजीकरण और तत्काल रजिस्ट्री से जुड़ी योजना को लेकर वित्त विभाग से औपचारिक सहमति ली जा रही है. आवश्यक जानकारियां भेजी जा चुकी हैं. मंजूरी मिलते ही इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है. अधिकारियों का मानना है कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से गड़बड़ियों की गुंजाइश कम होगी. हर कदम डिजिटल रिकॉर्ड में दर्ज होगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी रजिस्ट्री जैसे मामलों पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा.