दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सक्रिय एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. यह सिंडिकेट खासकर छात्रों और युवाओं को टारगेट कर रहा था. पुलिस ने दो विदेशी नागरिकों एक युगांडा और दूसरा नाइजीरिया के निवासी को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 700 ग्राम हाई-क्वालिटी हेरोइन जब्त की है, जिसकी बाजार कीमत ₹1 करोड़ से अधिक बताई जा रही है.

20 घंटे तक चला ऑपरेशन, तिलक नगर से हुई गिरफ्तारी

क्राइम ब्रांच की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर 3 अप्रैल को तिलक नगर स्थित कृष्णा पार्क एक्सटेंशन इलाके में जाल बिछाया. 20 घंटे की लंबी निगरानी के बाद पुलिस ने दो संदिग्धों को पकड़ा. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हम्फ्री मुवोंग निवासी युगांडा और चुक्वू एबुका उमेह  निवासी नाइजीरिया के रूप में हुई है.

पुलिस ने दोनों के ठिकाने से 700 ग्राम उच्च गुणवत्ता की हेरोइन बरामद की है. उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर नंबर 80/25 दर्ज की गई है.

डैग्री जीन मार्क का नेटवर्क, स्टूडेंट वीजा का दुरुपयोग

पूछताछ में सामने आया है कि दोनों आरोपी अफ्रीका में बैठे नाइजीरियाई मास्टरमाइंड डैग्री जीन मार्क के निर्देशों पर काम कर रहे थे. डैग्री पहले भारत में रह चुका है और तिलक नगर जैसे इलाकों में उसने ड्रग्स सप्लाई का लोकल नेटवर्क तैयार किया था. उसने अफ्रीकी नागरिकों को भारत भेजने के लिए स्टूडेंट वीजा का सहारा लिया. ये लोग पढ़ाई के नाम पर भारत में दाखिल होते थे, लेकिन असल मकसद था नशे के धंधे में शामिल होना.

पुराना अपराधी निकला युगांडा निवासी आरोपी

हम्फ्री मुवोंग पहले भी मयूर विहार थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है और फिलहाल जमानत पर था. दोनों आरोपी साल 2019 से भारत में रह रहे थे और लंबे समय से इस नेटवर्क का हिस्सा थे.

क्राइम ब्रांच की विशेष टीम ने रचा था जाल

इस ऑपरेशन का नेतृत्व इंस्पेक्टर वीर सिंह ने किया, जबकि टीम में एसआई अबोध शर्मा, एएसआई दीप चंद, एचसी संजय, एचसी संदीप, एचसी सुकराम, एचसी मनीष, एचसी विनोद और कांस्टेबल सुमित शामिल थे. इस पूरी कार्रवाई की निगरानी एसीपी पंकज अरोड़ा ने की.

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