Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने युवाओं के कौशल विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है. इस पहल का मकसद युवाओं को उद्योगों की जरूरत के मुताबिक ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार के काबिल बनाना है. शनिवार को गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए.

इस मौके पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, दिल्ली के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अधिकारी मौजूद रहे. इस योजना के तहत लगभग 29,600 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी. जबकि 2,000 छात्रों को शिक्षा में सहयोग मिलेगा. इस पहल से युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक ट्रेनिंग मिलेगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे.

मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या कहा? इस मौके पर दिल्ली के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि कोई भी युवा सिर्फ पैसों की कमी के कारण अपने करियर में पीछे न रह जाए. यह योजना सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश के युवाओं को एक नया अवसर देगी." 

वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "यह योजना रोजगार बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसमें छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाएगी, साथ ही स्टाइपेंड भी मिलेगा. हमारा लक्ष्य 31,600 युवाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार के योग्य बनाना है." सरकार ने यह भी साफ किया कि 'पीएम विकास योजना' के तहत इस पहल को देशभर में लागू किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को इसका लाभ मिल सके.

ऑनलाइन पोर्टल के जरिए मिलेगा लाभ

  • योग्य उम्मीदवार एक विशेष पोर्टल के जरिए इस योजना का लाभ ले सकेंगे.
  • पोर्टल का संचालन सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय मिलकर करेंगे.
  • छात्रों को आधुनिक तकनीक और उद्योगों की जरूरत के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाएगी.
  • प्रशिक्षण पूरा करने के बाद युवाओं को प्रमाण पत्र और रोजगार सहायता भी मिलेगी.

मेंटोरशिप और प्लेसमेंट में भी मिलेगी मददसरकार सिर्फ प्रशिक्षण ही नहीं देगी, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी पाने में भी मदद करेगी. इसके लिए मेंटोरशिप प्रोग्राम और प्लेसमेंट सुविधा भी दी जाएगी, ताकि युवा अपनी ट्रेनिंग के तुरंत बाद रोजगार पा सकें.

'आत्मनिर्भर भारत' की ओर एक और कदमइस योजना के तहत युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक स्किल्स सिखाए जाएंगे, जिससे वे न सिर्फ जॉब पाने के योग्य बनेंगे, बल्कि अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकेंगे. यह पहल सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'स्किल इंडिया' अभियान को मजबूती देने वाली साबित होगी. 

इस योजना का मकसद युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें बेहतर भविष्य की ओर बढ़ाना है. यह पहल देश के बेरोजगार युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपनी काबिलियत साबित कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं.