Ambedkar Jayanti 2025: डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134 वीं जयंती पर दिल्ली सरकार ने राजधानी में वॉकथॉन का आयोजन किया. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा से वॉकथॉन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली छात्रों, युवाओं और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर घोषणा की कि दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में अंबेडकर जयंती के अवसर पर विशेष ‘असेंबली सेशन’ आयोजित किए जाएंगे. इन सत्रों के ज़रिए छात्रों को बाबा साहब के विचारों, संघर्षों और संविधान निर्माण में उनके योगदान से जोड़ा जाएगा.
'बाबा साहब किसी एक जाति या वर्ग के नहीं'सीएम ने कहा, “यह वॉकथॉन सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि बाबा साहब के विचारों—न्याय, समानता और अधिकारों—को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है.” उन्होंने स्पष्ट किया कि बाबा साहब किसी एक जाति या वर्ग के नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के महानायक थे. सीएम ने कहा, “हमें उन्हें केवल स्मरण नहीं करना है, बल्कि अपने कर्मों में उतारना है”.
'बाबा साहब ने जो संविधान देश को दिया वह लोकतंत्र की मिसाल है'रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समानता के क्षेत्र में अंबेडकर के विचारों को जमीन पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है. कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री आशीष सूद और रविन्द्र इन्द्राज सिंह भी मौजूद रहे. सीएम ने कहा कि बाबा साहब ने जो संविधान देश को दिया, वह समावेशिता और लोकतंत्र की मिसाल है. उन्होंने कहा, “अगर आज 140 करोड़ भारतीय एक ही संविधान के तहत समान अधिकारों के साथ जीवन जी पा रहे हैं, तो वह बाबा साहब की दूरदृष्टि का नतीजा है,”
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने बाबा साहब को वह सम्मान दिया जिसके वे अधिकारी थे. उनकी जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मनाना और सार्वजनिक अवकाश घोषित करना केवल प्रतीकात्मक कदम नहीं, बल्कि देश की सोच में बदलाव का संकेत है. सीएम रेखा गुप्ता ने घोषणा कि दिल्ली सरकार अंबेडकर जयंती को केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं बल्कि एक पखवाड़े तक चलने वाले अभियान के रूप में मनाएगी.
चित्रकला व क्विज़ प्रतियोगिताएं की जाएंगी आयोजित उन्होंने कहा कि स्कूलों में डॉ. अंबेडकर के जीवन पर आधारित कार्यक्रम होंगे, और बच्चों के बीच भाषण, निबंध, चित्रकला व क्विज़ प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने अंत में कहा, “बाबा साहब को केवल नारों में नहीं, बल्कि नीति और क्रियान्वयन में जीवित रखना ही सच्ची श्रद्धांजलि है.”
ये भी पढ़ें: दिल्ली के पीरागढ़ी से पकड़ा गया अवैध बांग्लादेशी नागरिक, यूरोप भागने की थी तैयारी