बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में बढ़ती गर्मी से बिजली की मांग भी बढ़ रही है. दिल्ली में बिजली की मांग नए रिकॉर्ड बना रही है, बिजली की मांग सोमवार दोपहर 5,460 मेगावाट पर पहुंच गई. जो इस साल अप्रैल में अब तक की सबसे अधिक बिजली की मांग है. इस साल बिजली की मांग 8,200 मेगावाट को पार कर सकती है. इससे पहले शहर में साल 2019 में सबसे अधिक बिजली की मांग दर्ज की थी, जब बिजली की मांग 7,409 मेगावाट तक पहुंची थी. 


साल 2020 और 2021 में गर्मी के महीनों के दौरान कोविड लॉकडाउन में यह मांग 5,000 मेगावाट से नीचे थी. इस साल बिजली की मांग 1 अप्रैल से 22% और 1 मार्च से 35% बढ़ गई है. जबकि दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह सभी बिजली उपभोक्ताओं को सतर्क रहने के लिए कहा था. बिजली की बढ़ती मांग से निपटने के लिए, बिजली वितरण कंपनियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए क्षमता वृद्धि की है कि कोई स्थानीय आउटेज न हो.


बीएसईएस, जो दक्षिण और पूर्वी दिल्ली को पूरा करता है ने 700 से अधिक ट्रांसफार्मर की क्षमता को जोड़ा है. वहीं टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) उत्तर और पश्चिमी दिल्ली के कुछ हिस्सों को पूरा करता है, इसने अपनी वितरण क्षमता को बढ़ाकर 5,920 एमवीए कर दिया है. बीएसईएस डिस्कॉम ने वित्त वर्ष 2021-2022 में पर्याप्त संसाधनों का निवेश किया और नेटवर्क क्षमता को 450 एमवीए तक बढ़ाया. इसके लिए उसने 160 नए सबस्टेशन और चार स्पेस-सेविंग एलिवेटेड सबस्टेशन सहित 700 से अधिक वितरण ट्रांसफार्मर भी स्थापित किए हैं.


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बिजली ट्रांसफार्मर और 11 केवी फीडर लोड को ट्रैक करने के लिए ऑनलाइन लोड मॉनिटरिंग सिस्टम भी मौजूद है. टीपीडीडीएल के एक अधिकारी ने कहा कि निर्बाध बिजली वितरण सुनिश्चित करने और स्मार्ट मीटर के माध्यम से लोडिंग की लगातार निगरानी और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके ट्रांसफार्मर की विफलता से बचने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं. 


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