दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सख्त फैसले लिए जा रहे हैं. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने राष्ट्रीय राजधानी में अनिवार्य अनुमति के बिना संचालित हो रही और स्पष्ट रूप से वायु और जल प्रदूषण फैलाने वाली 411 इंडस्ट्रियल यूनिट को बंद करने का आदेश दिया है. डीपीसीसी, राजस्व विभाग और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) द्वारा 28 अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों और 27 पुनर्विकास क्षेत्रों का ज्वाइंट निरीक्षण किया जा रहा है.

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सर्वेक्षण के दौरान, अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 1,586 इकाइयों का निरीक्षण 20 दिसंबर तक किया गया, जिनमें से 232 इकाइयां डीपीसीसी की अनुमति के बिना संचालित पाई गईं और इनसे स्पष्ट प्रदूषण हो रहा था. अधिकारियों के अनुसार, पुनर्विकास क्षेत्रों में 1,102 इकाइयों का निरीक्षण किया गया और 179 इकाइयां प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करती पाई गईं.

मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के निर्देश के बाद एक्शन

इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर डीपीसीसी ने 21 दिसंबर को गैर-अनुपालन करने वाली सभी 411 इकाइयों को बंद करने के आदेश जारी किए. उन्होंने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के निर्देशों के बाद तीनों एजेंसियों ने निरीक्षण शुरू किया. इसके अलावा, दिल्ली नगर निगम भी निरीक्षण कर रहा है.

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प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई- सिरसा

मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने से कहा, ‘‘हम शहर की बेहतरी और यहां के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. सर्वेक्षण जारी है और प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी इकाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’’ उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार पर्यावरण मानकों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और नियमों का पालन न करने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त कदम उठाना जारी रखेगी. 

दिल्ली की हवा की क्वालिटी बेहद खराब

इस बीच, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, सोमवार (22 दिसंबर) को दिल्ली की हवा की क्वालिटी 'बहुत खराब' कैटेगरी में रही, शाम 4 बजे 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 373 रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली लगातार स्मॉग और जहरीली हवा से जूझ रही है, जिसके कारण ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत बार-बार इमरजेंसी उपाय लागू करने पड़ रहे हैं.