दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र और दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका का दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध किया. दिल्ली पुलिस ने कहा शरजील इमाम के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं. शरजील इमाम को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके द्वारा किए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.


ट्रायल कोर्ट ने 24 जनवरी को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने कहा कि निचली अदालत के 24 जनवरी के जमानत आदेश को शरजील इमाम ने चुनौती दी है. दिल्ली पुलिस ने विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद के माध्यम से एक हलफनामा दायर किया है, जब दिल्ली हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने 9 मार्च को इमाम की याचिका पर जवाब मांगा था.
 
दिल्ली पुलिस ने तर्क देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि अपराधों में आजीवन कारावास शामिल है. इसलिए अदालत ने इमाम को जमानत देने पर एक वैधानिक रोक लगाई है, और वर्तमान मामले में शामिल अपराध आजीवन कारावास के योग्य हैं.


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 जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 29 अप्रैल निश्चित की है. जब इमाम के वकील ने अदालत से सुनवाई की जल्द से जल्द तारीख देने का आग्रह किया तो पीठ ने कहा अदालत को परेशान मत करो और नहीं अदालत को डराने की कोशिश करो.
 
जेएनयू के पीएचडी छात्र इमाम ने अपनी अपील में एक आदेश को रद्द करने की मांग की है. जिसमें 24 जनवरी के उस आदेश को रद्द करने कहा है जिसमें 25 जनवरी, 2020 को आईपीसी की धारा के तहत अपराध शाखा द्वारा दर्ज मामले में जमानत के लिए उनके आवेदन को खारिज कर दिया था.