Delhi News: अब अगर किसी गवाह ने किसी अपराधी का चेहरा बस कुछ सेकंड के लिए भी देखा हो, तो उसका बचना मुश्किल होगा. दिल्ली पुलिस ला रही है एक ऐसा हाईटेक हथियार, जो महज़ एक स्केच के दम पर गुनहगार का पूरा चेहरा पहचान लेगा और वो भी चंद सेकंडों में. दिल्ली पुलिस जल्द ही एक ‘रिवर्स इमेज सर्च सॉफ्टवेयर’ शुरू करने जा रही है, जो गवाहों के बयान पर तैयार किए गए स्केच को डिजिटल फोटो डेटाबेस से मिलाकर संदिग्धों की पहचान करेगा. इसे इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने तैयार किया है.

अब तक पुलिस को स्केच से अपराधी तक पहुंचने में घंटों, कभी-कभी तो हफ्तों लग जाते थे. मैन्युअल तरीके से हजारों तस्वीरों से मिलान करना न केवल थकाने वाला था बल्कि गलतियों की गुंजाइश भी रहती थी. लेकिन अब तकनीक करेगी कमाल ,सूत्रों के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर के जरिए अगर किसी ने अपराधी की झलक भी देखी है और उसका स्केच तैयार हो गया, तो वह हमारी पकड़ से नहीं बच पाएगा.

कैसे करेगा काम यह 'जादुई' सॉफ्टवेयर ?

दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक केवल 4 चरणों में ही संदिग्धों का चेहरा होगा सामने 

1 - स्केच को सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा.

2 - मशीन लर्निंग तकनीक स्केच का विश्लेषण करेगी.

3 - फिर यह डेटाबेस में मौजूद हजारों तस्वीरों से मिलान करेगी.

4 - कुछ ही सेकंड में संभावित चेहरों की सूची सामने आ जाएगी.

हत्या, डकैती और यौन अपराधों में मिलेगा जबरदस्त सहारा

पुलिस सूत्रों का मानना है कि यह सॉफ्टवेयर उन मामलों में बेहद मददगार साबित होगा, जहां कोई तस्वीर या वीडियो फुटेज मौजूद नहीं होता, और गवाह की याददाश्त ही एकमात्र सहारा होती है. यह उन केसों के लिए वरदान साबित होगा जहां कोई चश्मदीद है, लेकिन तकनीकी सुराग नहीं मिल सका. 

दिल्ली पुलिस पहले से ही डेटा रिकवरी, डिवाइस फॉरेंसिक और डिजिटल ट्रैकिंग जैसे कई हाईटेक साधनों का उपयोग कर रही है. अब यह नया सॉफ्टवेयर अपराधियों के खिलाफ उसकी तकनीकी ताकत को और मजबूत करेगा.इस तकनीक से साफ है अपराध की दुनिया अब पहले जैसी नहीं रहेगी. पुलिस की आंखें अब सिर्फ इंसानी नहीं, मशीनों की भी होंगी, और वो हर चेहरे को याद रखेंगी.