दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने नकली दवाओं के एक बड़े और संगठित रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में करीब 2.3 करोड़ रुपये की नकली दवाएं, कच्चा माल और मशीनरी बरामद की गई है. ये दवाएं असली ब्रांड के नाम पर देशभर में सप्लाई की जा रही थीं, जो आम लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा थीं.

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बेटनोवेट सी और क्लोप सी जैसी नकली दवाओं का चल रहा था खेल 

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान गौरव भगत और श्रीराम उर्फ विशाल गुप्ता के रूप में हुई है. क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि सदर बाजार, दिल्ली में नकली दवाओं की बड़े पैमाने पर सप्लाई हो रही है. इसके बाद पुलिस टीम ने सदर बाजार में छापा मारा, जहां से Betnovate C और Clop G जैसी शेड्यूल-H श्रेणी की नकली मलहम बड़ी मात्रा में बरामद की गईं. ये दवाएं आमतौर पर त्वचा रोग और खेल से जुड़ी चोटों में इस्तेमाल होती हैं, इसलिए इनका नकली होना बेहद खतरनाक है.

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गजियाबाद के लोनी में चल रही थी नकली दवाओं की फैक्ट्री 

दिल्ली पुलिस की जांच में पुलिस लोनी गाजियाबाद के मेरपुर हिंदू गांव पहुंची जहां एक फैक्ट्री का खुलासा हुआ. यहां से हजारों तैयार नकली ट्यूब, करीब 350 किलो नकली मलहम, कच्चे केमिकल, पैकिंग मटीरियल और दवा बनाने की मशीनें बरामद की गईं. मौके पर मौजूद ड्रग इंस्पेक्टरों और कंपनी के प्रतिनिधियों ने जांच के बाद पुष्टि की कि ये दवाएं पूरी तरह नकली हैं और आरोपियों के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं था.

दिल्ली पुलिस की जांच जारी 

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 12 दिसंबर 2025 को क्राइम ब्रांच थाने में एफआईआर दर्ज की है. पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क से जुड़े सप्लायरों, डिलीवरी एजेंटों और वितरकों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारी हो सकती है.