सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर युवाओं से ठगी करने वाले एक बड़े साइबर भर्ती घोटाले का दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन यूनिट ने पर्दाफाश किया है. दिल्ली पुलिस ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग,संस्कृति मंत्रालय के नाम पर फर्जी भर्ती परीक्षा कराने वाले गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों ने ASI की हूबहू नकल करते हुए एक नकली सरकारी वेबसाइट बनाई और क्यूरेटर और जूनियर असिस्टेंट के कुल 91 पदों पर भर्ती का झांसा दिया. इस फर्जी भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा तक आयोजित कर दी गई थी.
फैलाए गए फर्जी भर्ती के लिंक
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने ASI की असली वेबसाइट जैसा दिखने वाला फर्जी पोर्टल तैयार किया. इसमें सरकारी लोगो, रंग, लेआउट और फॉर्मेट तक की नकल की गई थी, जिससे किसी को भी शक न हो. इसके बाद कॉलेज छात्रों के व्हाट्सऐप ग्रुप, सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फर्जी भर्ती के लिंक फैलाए गए. सैकड़ों उम्मीदवारों ने आवेदन किया, जिनमें से करीब 150 को लिखित परीक्षा के लिए चुना गया. हैरानी की बात यह रही कि आरोपियों ने जयपुर में एक नामी परीक्षा केंद्र बुक कर बाकायदा प्रोफेशनल तरीके से परीक्षा भी कराई, ताकि पूरी प्रक्रिया सरकारी लगे.
इंटरव्यू के नाम पर लेने की थी मोटी रकम
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी लगभग 50 फीसदी उम्मीदवारों को पास घोषित कर इंटरव्यू के लिए बुलाने वाले थे. इसी चरण में चयन के बदले मोटी रिश्वत वसूलने की योजना थी. लेकिन उससे पहले ही IFSO यूनिट ने कार्रवाई कर पूरे रैकेट को खत्म कर दिया.
दिल्ली पुलिस ने ख़ुफ़िया जानकारी पर की अहम कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने तकनीकी निगरानी और खुफिया सूचना के आधार पर आरोपियों को दबोच लिया गया. यह कार्रवाई साइबर अपराध रोकने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है. गिरफ्तार आरोपी की कुलदीप और पीयूष के रूप में हुई है. दिल्ली पुलिस की इस मामले में अभी जांच जारी है. दिल्ली पुलिस गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ कर पता लगाने में जुटी है, कि उनके साथ इस पूरे सिंडिकेट में और कितने लोग जुड़े हुए हैं.