Bangladeshi Arrested: दिल्ली पुलिस ने औचंडी गांव से 13 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. इसको लेकर 13 मई को मुखबिर ने सूचना दी थी. इसके बाद ACP उमेश बर्थवाल के नेतृत्व में इंस्पेक्टर योगेश व विनोद यादव की निगरानी में एक विशेष टीम गठित की गई.
इस टीम में SI दिपेन्दर और गुरमीत के साथ अनुभवी हेड कांस्टेबल और महिला कांस्टेबलों को शामिल किया गया. इन सभी को दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को पकड़ने का स्पष्ट आदेश मिला.
औचंडी गांव में बिछाया गया जाल...सूचना पक्की थी, और योजना भी. टीम ने गांव में आम लोगों की तरह खुद को घुला मिला दिया. कोई दूधवाले के भेष में आया, तो कोई सब्जी खरीदने के बहाने इधर-उधर मंडराता रहा. और तब, एक घर के पास हलचल दिखी कुछ लोग भारी सामान लेकर चुपचाप अंदर जा रहे थे. टीम ने बिना वक्त गंवाए छापा मारा और मौके से 13 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान जो खुलासा हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया.
सीमा पार की एक फिल्मी कहानी...इन सभी का संबंध बांग्लादेश के खुशावली गांव, जिला खुड़ीग्राम से था. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे दो साल पहले जलील अहमद नामक एजेंट की मदद से अवैध तरीके से भारत आए. वे रात के अंधेरे में बिना बाड़ वाली सीमा से खेतों के रास्ते भारत में घुसे और कूचबिहार स्टेशन से ट्रेन पकड़कर दिल्ली पहुंचे.
दिल्ली आने के बाद वे हरियाणा के खरखौदा पहुंचे, जहां गांव सिसाना में एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने लगे. धीरे-धीरे उन्होंने अपने परिवारों को भी बुला लिया. इतने समय तक वे बिना किसी वैध दस्तावेज़ के भारत में रहे, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी.
दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए लोगों नाम हैं:मोहम्मद रफिकुल, खोतेज़ा बेगम, अनोवार हुसैन, अमीनुल इस्लाम, जोरिना बेगम, अफरोजा खातून, खाखोन और हसना.
पुलिस ने शुरू की कानूनी प्रक्रिया...अब इन सभी के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही शुरू हो चुकी है और उन्हें उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया (डिपोर्टेशन) तेज़ी से चल रही है. साथ ही, जलील अहमद जैसे एजेंटों के खिलाफ भी सूचना एकत्र की जा रही है ताकि इस पूरे नेटवर्क को तोड़ा जा सके.