Delhi Crime News: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की पर उसके पिता द्वारा झूठा POCSO मामला दर्ज कराने के दबाव और मानसिक उत्पीड़न के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए दिल्ली पुलिस को आरोपी पिता के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि आरोपी ने अपने निजी विवादों को सुलझाने के लिए कानून का दुरुपयोग किया और अपनी ही बेटी को मोहरा बनाया.

एडिशनल सेशन जज अनु अग्रवाल ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता लड़की ने अपने पिता के कहने पर अपने मामा, मौसी, नानी और एक वकील के खिलाफ झूठा यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था. हालांकि जांच अधिकारी द्वारा दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट में शामिल 123 पन्नों के ट्रांसक्रिप्ट्स और ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग से यह साबित हुआ कि मामला पूरी तरह से फर्जी था.

FSL रिपोर्ट ने खोली साजिश की पोलफॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट में पुष्टि की गई कि रिकॉर्डिंग में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई थी और वे शिकायतकर्ता की ही थीं. कोर्ट ने कहा रिकॉर्डिंग से साफ है कि शिकायतकर्ता ने अदालत में झूठ बोला और अपने पिता के दबाव में झूठा मामला दर्ज कराया.

पारिवारिक दुश्मनी के चलते दर्ज कराया गया झूठा मामलासाकेत कोर्ट के मुताबिक आरोपी पिता के खिलाफ पहले से ही उसकी पत्नी और भाभी द्वारा रेप के मामले दर्ज हैं. इन्हीं मामलों में लाभ पाने के लिए उसने अपनी बेटी से फर्जी शिकायत दर्ज करवाई, ताकि अपने रिश्तेदारों और एक वकील को फंसा सके.

कानून के दुरुपयोग से न्याय प्रणाली को खतरा'जज अनु अग्रवाल ने टिप्पणी की यह मामला दिखाता है कि कैसे कुछ लोग कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग अपने निजी स्वार्थों के लिए करते हैं. यह न केवल वास्तविक पीड़ितों के लिए नुकसानदायक है बल्कि पूरी न्याय प्रणाली को भी कमजोर करता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि जब किसी निर्दोष वकील को झूठे मामले में फंसाया जाता है, तो इससे अन्य वकील भी अपने कर्तव्य से डरने लगते हैं, जिससे न्याय व्यवस्था चरमरा सकती है.

थाना प्रभारी को FIR दर्ज करने का आदेशकोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करते हुए संबंधित थाना प्रभारी को POCSO अधिनियम की धारा 22 के तहत शिकायतकर्ता के पिता के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा यह समय है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जो अपने स्वार्थ के लिए बच्चों का इस्तेमाल करते हैं और कानून का दुरुपयोग कर समाज और न्याय व्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं.

ये भी पढ़ें: Watch: दिल्ली के वजीराबाद पुलिस स्टेशन के मालखाने में भीषण आग, 150 से ज्यादा कार और बाइक जलकर खाक