Delhi News: दिल्ली में एक बार फिर भरोसे की कीमत करोड़ों में चुकानी पड़ी. राजधानी के प्रतिष्ठित इलाके में 'बिजनेस पार्क' नामक कमर्शियल प्रोजेक्ट का सपना दिखाकर एक दंपत्ति ने कारोबारी से 2.70 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली. 

अब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस बहुचर्चित मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए फरार चल रहे दंपत्ति विनय जैन और उसकी पत्नी आशा जैन को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों पिछले दो साल से कानून की आंखों में धूल झोंकते हुए छिपते फिर रहे थे.

झूठे वादों का जालपीड़ित व्यवसायी वीरेंद्र कथूरिया ने EOW में शिकायत दर्ज करवाई थी कि विनय जैन ने उन्हें 'AVJ बिजनेस पार्क' प्रोजेक्ट में तीन दुकानें देने का वादा किया था. आरोपियों ने दावा किया कि उन्हें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) से जमीन मिल चुकी है और निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होने वाला है.

पहले से ही गिरवी रखी थी जमीनभरोसे में आए कथूरिया ने 1 जनवरी 2016 को आरोपियों को 2.70 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया, लेकिन जब के हैंडओवर लेने का समय आया, तब सच्चाई सामने आई. जिस जमीन पर शोरूम बनने थे, वह पहले ही एक वित्तीय कंपनी के पास गिरवी रखी जा चुकी थी. न सिर्फ प्रोजेक्ट फेल हुआ, बल्कि पूरी संपत्ति नीलाम होकर ध्वस्त भी कर दी गई.

कानून से आंख-मिचौली, लेकिन बच नहीं पाएदोनों आरोपी जांच में लगातार गैरहाजिर रहे और कोर्ट ने उन्हें 25 अप्रैल 2023 को वांटेड अपराधी घोषित कर दिया. मगर EOW की टीम ने हार नहीं मानी. महीनों की तकनीकी निगरानी और जमीनी खुफिया नेटवर्क के जरिए 7 अप्रैल 2025 को आखिरकार उन्हें दबोच लिया गया.

कई लोगों को लगा चुके हैं चूना जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आरोपी विनय जैन केवल आठवीं तक पढ़ा है लेकिन ठगी के तजुर्बे में माहिर था. उसकी पत्नी आशा जैन ग्रेजुएट है और पूरी योजना में बराबर की भागीदार रही. दोनों कई कंपनियों के डायरेक्टर बनकर आम लोगों को रियल एस्टेट में निवेश के झूठे वादे कर करोड़ों का चूना लगा चुके हैं.