Delhi News: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Indira Gandhi International Air Port) पर अब आपका चेहरा ही बोर्डिंग पास (Boarding Pass) का काम करेगा. आपके चेहरे से ही एयरपोर्ट टर्मिनल के सभी द्वारों पर एंट्री मिलती चली जाएगी. गौरतलब है कि IGI एयरपोर्ट की संचालक एजेंसी डायल द्वारा बीटा वर्जन डिजियात्रा एप की सॉफ्ट लॉन्चिंग की गई है. ये ऐप फेशियल रिकग्निशन टेक्निक पर बेस्ड है. डायल के मुताबिक इस ऐप की लॉन्चिंग से पहले 20 हजार यात्रियों द्वारा इसे पायलट स्तर पर परखा गया था. सकारात्मक नतीजे मिलने पर इसे लॉन्च करने का फैसला किया गया. अन्य टर्मिनल्स पर ही जल्द ही इसका विस्तार होगा. वहीं सबकुछ सही रहता है तो जल्द ही विदेशी उड़ान भरने वाले यात्री भी इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे.

बीटा वर्जन एंड्रायड प्लेटफॉर्म पर भी अवेलेबलबता दें कि डीजीयात्रा ऐप का बीटा वर्जन एंड्राड प्लेटफॉर्म पर भी अवेलेबल है. वहीं जल्द ही ये ऐप आइओएस प्लेटफॉर्म पर भी अवेलेबल होगा. गौरतलब है कि इस सुविधा के आने से यात्रियों को टर्मिनल में एंट्री के दौरान लंबी-लंबी लाइनो से छुटकारा मिल जाएगा. बता दें कि फिलहला से सुविधा सिर्फ घरेलू यात्रियों के लिए ही आईजीआई के टर्मिनल 3 पर अवेलेबल है.

डिजियात्रा ऐप मोबाइल में कैसे करेगा काम?बता दें कि डिजियात्रा ऐप डाउनलोड करने के बाद यात्री का बायोमिट्रिक रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इसके लिए पैसेंजर्स के फोन नंबर, आधार नंबर, टीकाकरण की जानकारी आदि दर्ज करनी होगी. इसके बाद यात्रियों का बोर्डिंग पास उनके फोन पर आ जाएगा. अब यात्रियों को अपने आधार कार्ड के साथ सेल्फी लेकर बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा. वहीं यात्री जब आईजीआई टर्मिनल 3 में एंट्री करेंगे तो पहचान से जुड़ी सभी जानकारी सीआइएसएफ, एयरलाइन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के पास पहले से होंगी.

डिजियात्रा ऐप से एयरपोर्ट पर एंट्री में कितना लगेगा समयगौरतलब है कि डिजियात्रा ऐप वाले यात्रियों को एयरपोर्ट के मुख्य एंट्री गेट पर बारकोड स्कैन करना होगा. इसके बाद यात्रियों को अन्य दरवाजों पर सिर्फ कैमरे की तरफ देखना होगा. कैमरे द्वारा पहचान होते ही द्वार खुल जाएंगे. डायल के अनुसार हर प्वाइंट पर यात्री को ज्यादा से ज्यादा तीन सेकेंड का ही समय लगेगा. तीन सेकेंड पूरा होते ही द्वारा खुल जाएंगे. वहीं डायल ने ये भी दावा किया है कि यह टेक्निक बोर्डिंग प्रक्रिया को भी आसान बना देगी. खास बात ये है कि यात्रियों का चेहरा ही उनके डॉक्यूमेंट्स के तौर पर काम करेगा. ऐसे में उन्हें आधारकार्ड जैसे पहचानपत्र व बोर्डिंग पास आदि साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी. वहीं लंबी कतारों में लगने वाले समय की भी काफी बचत होगी.

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