Delhi News: दक्षिण दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन दरगाह के पास एक प्रमुख सड़क के बगल में स्थित एक पुरानी ‘दरगाह’ के स्थल पर अधिकारियों ने शनिवार को भारी सुरक्षा तैनाती के बीच “अतिक्रमण हटाने” की कार्रवाई की. पुलिस ने यह जानकारी दी.

दरगाह की देखरेख करने वाले (केयरटेकर) यूसुफ बेग ने कहा कि सैयद अब्दुल्ला उर्फ भूरे शाह की दरगाह “सदियों पुरानी” है तथा मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के लोगों द्वारा पूजनीय हैं. यह 16वीं शताब्दी का एक दोमंजिला-गुंबददार मुगल-युग का स्मारक है और सब्ज बुर्ज के पास एक भूखंड पर स्थित है.

व्यस्त जाकिर हुसैन मार्ग के सामने वाले स्थल पर अधिकारियों की कार्रवाई के दौरान पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया था.

बेग ने कहा कि कब्रों को कोई नुकसान न हो इसलिए हमने खुद ही कब्रों के ऊपर लगायी गयी छतरी (केनोपी) और चारों ओर लगाए गए स्टील के अवरोधों को हटा दिया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया. पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई.”

कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा गया- पुलिसउन्होंने बताया कि चूंकि दरगाह संवेदनशील निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित है, इसलिए अर्धसैनिक बल के जवान भी तैनात थे और उनमें से एक के पास आंसू गैस के गोले भी थे. मौके पर तैनात अर्धसैनिक बल के एक जवान ने कहा, “हमें कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा गया है.”

दिल्ली पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से तत्काल टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका. बाद में, बेग और दरगाह के लोगों द्वारा हटायी गयी सामग्री को बुलडोजर उठाकर ले गया और कब्रों के चारों ओर बने फर्श को खोद दिया.

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर बेग ने कहा कि फरवरी में उन्हें जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बुलाया और फुटपाथ को किसी भी अतिक्रमण से मुक्त करने की योजना के बारे में बताया.

'कब्रों को नुकसान पहुंच सकता था'बेग ने कहा, “ये कब्रें कई सदी पुरानी हैं और हम इन्हें स्थानांतरित/हटा नहीं कर सकते. इसकी उम्र साबित करने के दस्तावेजी साक्ष्य हमारे पास नहीं हैं, इसलिए कार्रवाई की गई है. हमने हाल ही में कुछ स्टील के अवरोधों और अन्य ढांचों को पहले ही हटा दिया था, जो दरगाह के पास थे. और आज भी हमने कब्रों के पास के ऊपर लगी छतरी और लोहे के अवरोधकों को खुद ही हटा दिया. अगर बुलडोजर मशीन द्वारा इसे हटाया गया होता तो कब्रों को नुकसान पहुंच सकता था.”

कार्रवाई के दौरान अधिकारियों द्वारा हटाई गई संरचनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “कुछ कमरों को ध्वस्त कर दिया गया और कब्रों के बगल के फर्श को फुटपाथ के लिए खोदा गया है.” दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 मार्च, 2022 को एक आदेश में कहा कि संबंधित सरकारी जमीन पर मौजूद सभी अनधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए “कर्तव्यबद्ध” हैं.