राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर हलचल तेज हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार की ओर से तैयार की जा रही नई शराब नीति के मसौदे में इस बार कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इनमें शराब की दुकानों को बड़ा और आधुनिक रूप देने के साथ-साथ खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रति बोतल मिलने वाले मुनाफे (मार्जिन) में बढ़ोतरी का प्रस्ताव शामिल है.

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जानकारी के अनुसार, लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति इस नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है, जो अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. बताया जा रहा है कि नई आबकारी नीति में शराब की दुकानें रिहायशी इलाकों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों से दूर रखी जाएंगी ताकि स्थानीय लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो.

सरकारी निगमों के तहत ही जारी रहेगी शराब बिक्री व्यवस्था

सरकार के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल शहर में चल रही शराब दुकानों की व्यवस्था — जिसे चार सरकारी निगमों द्वारा संचालित किया जा रहा है — को जारी रखने की सिफारिश की जा रही है. इसका मतलब यह होगा कि दिल्ली में कोई निजी कंपनी शराब की दुकानें नहीं चला सकेगी.

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नई नीति से दुकानदारों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा

मसौदे में यह भी प्रस्तावित है कि भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पर प्रति बोतल 50 रुपये और आयातित शराब पर 100 रुपये तक मुनाफा बढ़ाया जाए. विशेषज्ञों के अनुसार, इससे दुकानदारों को बेहतर और महंगी ब्रांड वाली शराब रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.

वर्तमान में दिल्ली में 700 से अधिक शराब की दुकानें हैं, जिनका संचालन चार सरकारी एजेंसियों डीएसआईआईडीसी, डीटीटीडीसी, डीएससीएससी और डीसीसीडब्ल्यूएस द्वारा किया जाता है. नई नीति में सुझाव दिया गया है कि ये निगम बड़े, साफ-सुथरे और आधुनिक स्टोर खोलें, ताकि उपभोक्ताओं को मॉल या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाजनक जगहों पर शराब खरीदने का बेहतर अनुभव मिले.

पुरानी नीति में जांच और नई नीति के पारदर्शिता के दावे

आपको बता दे कि दिल्ली की मौजूदा आबकारी नीति सितंबर 2022 में लागू की गई थी जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (आप) सरकार ने अपनी 2021-22 की सुधारात्मक नीति को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण रद्द कर दिया था. उस नीति के लागू होने के दौरान कई अनियमितताओं के आरोप सामने आए थे और सीबीआई और ईडी जांच तक शुरू हुई थी. फिलहाल पुरानी नीति को कई बार बढ़ाया गया है और अब यह 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी.

नई नीति को अब जनता के सुझावों के लिए रखा जाएगा, उसके बाद इसे कैबिनेट और उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा. सरकार का दावा है कि नई नीति से दिल्ली में शराब बिक्री की व्यवस्था पारदर्शी, व्यवस्थित और उपभोक्ता हित में होगी.