Rainfall in Delhi: दिल्ली और इससे सटे एनसीआर क्षेत्रों में गुरुवार (30 अक्टूबर) की दोपहर 2.00 बजे से हल्की बौछारें शुरू हो गईं. इस बीच धुंध और प्रदूषण से परेशान दिल्लीवासियों को राहत की सांस मिली. उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि जो काम आर्टिफिशयल रेन नहीं कर पाई, वो अब कुदरती बारिश कर सकेगी और AQI में कुछ सुधार आएगा.

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बता दें, गुरुवार सुबह से ही प्रदूषण के कारण धुंध और कोहरे की चादर में दिल्ली लिपटी रही. पिछले कुछ दिन से शहर की हवा 'खराब' श्रेणी में बनी हुई थी जो अब गिरकर 'बेहद खराब' श्रेणी में आ गई है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली में AQI 357 दर्ज किया गया है, जो एक दिन पहले 279 था.

वेंटिलेशन इंडेक्स भी चिंताजनक स्थिति में

वायु गुणवत्ता में गिरावट के साथ ही शहर के कई हिस्सों में विजिबिलिटी भी कम हो गई है. दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार शहर का 'वेंटिलेशन इंडेक्स' 6,000 वर्ग मीटर प्रति सेकंड के अनुकूल स्तर से नीचे बना हुआ है. यह सूचकांक प्रदूषकों को फैलाने की वायुमंडलीय क्षमता को इंगित करता है.

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पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘वेंटिलेशन इंडेक्स’ के अनुसार, 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रफ्तार की कमजोर हवाओं और घने कोहरे ने प्रदूषकों को छंटने से रोक दिया है, जिसके कारण आसमान में धुंध छा गई.

दिल्ली के इलाकों में यह रही विजिबिलिटी

IMD ने सुबह 7:30 बजे पालम में 1,000 मीटर और सफदरजंग में 800 मीटर की दृश्यता दर्ज की. दोनों ही स्थानों पर हवा की स्थिति शांत बनी रही. कर्तव्य पथ, आनंद विहार, बुराड़ी और अक्षरधाम जैसे इलाके सुबह के शुरुआती घंटों में कोहरे से ढके रहे.

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, विवेक विहार और आनंद विहार में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई, जहां एक्यूआई क्रमशः 415 और 408 दर्ज किया गया है. दिल्ली के कुल 33 निगरानी केंद्रों ने वायु गुणवत्ता 300 से अधिक दर्ज की जोकि 'बेहद खराब' श्रेणी में आती है.