National Lok Adalat: देश की राजधानी दिल्ली में आज राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लाखों लंबित मुकदमों के निपटारे का लक्ष्य रखा गया है. दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) के मार्गदर्शन में आयोजित यह 2025 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत है, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के 2.64 लाख मामलों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा. खासतौर पर ट्रैफिक चालान के 1.80 लाख मामले लोक अदालत के माध्यम से निपटाने की योजना बनाई गई है.

आपसी सहमति से होगा विवादों का निपटारालोक अदालत का मुख्य उद्देश्य आपसी सहमति से विवादों को सुलझाना है, जिससे लंबित मुकदमों का बोझ कम हो और न्यायिक प्रक्रिया सरल व त्वरित हो सके. यह अदालत केवल ट्रैफिक चालान तक सीमित नहीं है, बल्कि दीवानी मामले, वैवाहिक विवाद, संपत्ति बंटवारा, सड़क दुर्घटना मुआवजा, चेक बाउंस, उपभोक्ता विवाद और बिजली-पानी जैसे मामलों को भी सुलझाने का अवसर प्रदान करेगी.

ट्रैफिक चालान मामलों के लिए विशेष व्यवस्थालोक अदालत में सबसे अधिक मामले ट्रैफिक चालान से जुड़े हुए हैं. इन मामलों के निपटारे के लिए पहले से इच्छुक वाहन चालकों को टोकन नंबर जारी किए गए हैं. चालान के निस्तारण के लिए वाहन मालिकों को जरूरी दस्तावेज लाने होंगे, जिनमें चालान की कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और प्रदूषण प्रमाण पत्र शामिल हैं.

इन मामलों का भी होगा समाधान

लोक अदालत में सिर्फ ट्रैफिक चालान ही नहीं, बल्कि कई अन्य विवादों का भी समाधान किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं, वैवाहिक विवाद, संपत्ति विवाद, दुर्घटना मुआवजा, चेक बाउंस मामले और बिजली-पानी विवाद जैसे मामले. इनमें दोनों पक्षों की सहमति से मामले का निपटारा किया जाता है.

यदि आप अपने किसी मामले का समाधान लोक अदालत में कराना चाहते हैं, तो जरूरी दस्तावेज साथ ले जाना अनिवार्य है. ट्रैफिक चालान के लिए पुलिस की वेबसाइट से चालान प्रिंट करें (अधिकतम 5 चालान), ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन की आरसी, प्रदूषण प्रमाण पत्र (यदि चालान इससे जुड़ा हो) और व्यावसायिक वाहन के लिए परमिट आवश्यक है.

चेक बाउंस मामलों में बैंक स्टेटमेंट और पहचान पत्र अनिवार्य होते हैं. इसी तरह, दुर्घटना मुआवजा मामलों में पीड़ित की उम्र और आय प्रमाण पत्र, इलाज से जुड़े दस्तावेज और आश्रितों से जुड़े प्रमाण पत्र आवश्यक हैं. बिजली विवादों के समाधान के लिए बिजली बिल और पहचान संबंधी दस्तावेज साथ रखना जरूरी है.

फैसला होगा अंतिम, नहीं दी जा सकेगी चुनौतीलोक अदालत में आपसी सहमति से सुलझाए गए मामलों को दुबारा अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती. यहां लिए गए निर्णयों को न्यायिक अधिकारी की अंतिम मुहर प्राप्त होती है, जिससे विवाद का स्थायी समाधान हो जाता है. हालांकि, यदि किसी मामले में सहमति नहीं बनती, तो उसे वापस संबंधित अदालत में भेज दिया जाएगा.

कहां-कहां आयोजित हो रही है लोक अदालत?राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दिल्ली में हाई कोर्ट और सातों जिला अदालतों में किया जा रहा है. इसके अलावा, 11 जिलों में 10 उपभोक्ता अदालतें भी इसमें भाग ले रही हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय और सातों जिला अदालतें – तीस हजारी, कड़कड़डूमा, राउज एवेन्यू, पटियाला हाउस, रोहिणी, द्वारका और साकेत. इसके अलावा दिल्ली के विभिन्न उपभोक्ता अदालत केंद्र – विकास भवन (ITO), कश्मीरी गेट, द्वारका सेक्टर 20, सैनी एन्क्लेव, नंद नगरी, उद्योग सदन (कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया), तीस हजारी और जनकपुरी.

जो लोग अदालतों में लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचना चाहते हैं, उनके लिए लोक अदालत एक आसान और तेज समाधान लेकर आई है. अगर आप भी अपने किसी विवाद का निपटारा जल्दी और आसान तरीके से करना चाहते हैं, तो लोक अदालत का लाभ उठाएं.

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