दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर कल शाम यात्रियों को करीब 50 मिनट तक परेशानी का सामना करना पड़ा. शाम 7:30 बजे से 8:20 बजे तक बाराखंबा और इंद्रप्रस्थ स्टेशनों के बीच मेट्रो सेवाएं प्रभावित रहीं. यह परेशानी बारिश के कारण बाहर से आई एक सूखी टहनी गिरने से हुई, जो ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन (OHE) पर आकर शॉर्ट-सर्किट जैसी स्थिति पैदा कर गई.

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इस घटना के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने तुरंत सेवाओं का पुनर्गठन किया. प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि इस दौरान इंद्रप्रस्थ से वैशाली और नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक ट्रेन सेवाएं सामान्य रूप से बहाल रहीं.

वहीं, बाराखंबा से द्वारका तक अप और डाउन दोनों ओर नियमित सेवाएं जारी रहीं. केवल बाराखंबा से इंद्रप्रस्थ के बीच अप लाइन पर सिंगल लाइन सेवा चलाई गई. तकनीकी खामियों को दूर कर सामान्य सेवाएं जल्द ही बहाल कर दी गईं.

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DMRC ने यात्रियों को किसी असुविधा से बचाने के लिए मेट्रो स्टेशनों और ट्रेनों में लगातार घोषणाएं कीं. यात्रियों को वैकल्पिक मेट्रो लाइनों का उपयोग करने की सलाह भी दी गई, ताकि वे अपने गंतव्य तक समय पर पहुंच सकें. अधिकारियों ने कहा कि प्राथमिकता हमेशा यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को दी गई.

मेट्रो सेवा प्रभावित होने से यात्रियों में नाराजगी

बारिश और तकनीकी बाधाओं के कारण मेट्रो सेवा प्रभावित होने से यात्रियों में नाराजगी देखने को मिली. राजीव चौक और अन्य मुख्य स्टेशनों पर यात्रियों की लंबी कतारें लगीं और कई लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी असंतोष जाहिर की. यह घटना विशेष रूप से इसलिए विवादास्पद बनी क्योंकि हाल ही में मेट्रो ने अपनी सेवाओं की गुणवत्ता का हवाला देते हुए किराए में बढ़ोतरी की थी.

मौसम और तकनीकी कारणों से उत्पन्न हो रहीं समस्याएं- DMRC

दिल्ली में लगातार हो रही बारिश ने शहर के जन-जीवन को प्रभावित किया है. सड़क मार्गों के अलावा अब मेट्रो यात्रियों को भी इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. DMRC ने कहा कि वे मौसम और तकनीकी कारणों से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय किए जाएंगे.

यह घटना यह दर्शाती है कि मौसम और अप्रत्याशित तकनीकी बाधाओं के बावजूद मेट्रो सेवाओं को सुरक्षित और नियमित बनाए रखना एक चुनौती है. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए DMRC ने त्वरित प्रतिक्रिया और वैकल्पिक व्यवस्थाओं के माध्यम से सेवा में सुधार किया.