Delhi News: दक्षिणी दिल्ली में स्थित प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर (Kalkaji Mandir) जल्द ही भक्तों के लिए एक आकर्षक, प्रेरक और सुकून के पल बिताने का केंद्र बन सकता है. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) मामले का संज्ञान लेते हुए मंदिर के आसपास स्थित अनधिकृत दुकानों और ढांचों को हटाने और मंदिर को उसके श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक बनाने का फैसला किया है.
जल्द ही नए रंग रूप में नजर आ सकता है कालकाजी मंदिरवर्तमाना हालातों पर नजर डालें तो मंदिर परिसर और उसके आसपास काफी भीड़ भाड़ नजर आती है. हर तरफ शोर शराब और गंदगी भी नजर आती है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही मंदिर के दिन बदल सकते हैं.इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पुनर्विकास योजना के साथ आने के लिए नियुक्त डिज़ाइन फोरम इंटरनेशनल के एक वास्तुकार और भागीदार, गुनमीत एस चौहान ने बताया कि मंदिर के पुनर्विकास के लिए मास्टर प्लान को हाईकोर्ट और अन्य हितधारकों के सामने प्रस्तुत किया गया है.
मंदिर को बनाया जाएगा आनंदमय और सुविधाजनकहमारी योजना है कि मंदिर को आनंदमय और लोगों के लिए सुविधाजनक बनाया जाए. उन्होंने कहा कि वैसे तो सब कुछ हाईकोर्ट के फैसले पर ही निर्भर करेगा लेकिन हमने अपनी योजना पेश की है. सभी हितधारक इस पर अपने विचार देंगे. उसके बाद मास्टर प्लान को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.
योजना के तहत क्या होंगे बदलावमास्टर प्लान के तहत मंदिर परिसार में चार नए शौचालय ब्लॉक, पार्किंग, लंगर के लिए जगह, पीने के पानी की सुविधा और जूते-चप्पल की सुरक्षा की जाएगी. योजना के तहत भंडारे के लिए भोजन बनाने की सुविधा और बचे हुए खाने को इकट्ठा करने की योजना पर भी खास ध्यान दिया जाएगा. परिसर में एक क्लॉक रूम और एक मेडिकल सेंटर भी स्थापित किया जाएगा. मुंडन समारोहों और कीर्तन सभाओं के लिए अलग-अलग हॉल होंगे.
एंट्री के लिए होंगे चार गेटचौहान ने आगे कहा कि मंदिर में एंट्री के लिए चार गेट बनाए जाएंगे. हमारी कोशिश रहेगी की मंदिर के दो सिरों को मेट्रो स्टेशनों से जोड़ा जाए. मुख्य सड़क को भी मंदिर से जोड़ने के लिए डिजाइन किया जाएगा, लेकिन ये सब बाद के चरणों में होगा. पूरे परिसर को ग्रीन कॉम्प्लेक्स में तब्दील करने की योजना है.
ऐतिहासिक और पौराणिक पहचान का रखा जाएगा ध्यानउन्होंने कहा कि मास्टर प्लान के तहत मंदिर की ऐतिहासिक और पौराणिक पहचान का भी खास ख्याल रखा जाएगा. हम इसके लिए उन लोगों के लिए एक सूचना और अनुसंधान केंद्र स्थापित करेंगे जो दोनों पहलुओं का अध्ययन करने में रुचि रखते हैं. वास्तुकार सलाहकारों का कहना है कि इस मंदिर में पूजा लगभग 170 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है.
अक्टूबर में होना था योजना पर कामहालांकि हाईकोर्ट ने इस योजना को अक्टूबर में अंतिम रूप देने का समय निर्धारित किया था लेकिन अभी इस योजना को लेकर मंदिर परिसर में स्थित धर्मशालाओं और बारीदार परिवारों से भी राय मश्विरा करना होगा. बता दें कि मंदिर के मुख्य हितधारक 150 बारीदारों के 150 परिवार हैं.
2021 में हाईकोर्ट ने दिये थे ये आदेशगौरतलब है कि साल 2021 में हाईकोर्ट ने मंदिर के आसपास से अनधिकृत दुकानों और ढांचों को हटाने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि यह मंदिर में पूजा करने के लिए आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए बेहद जरूरी है. हालांकि इस साल की शुरुआत में हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मंदिर के पुजारियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और मंदिर परिसर के भीतर धर्मशालालों के संबंध में कोर्ट के हस्तक्षेप का अनुरोध किया, जहां वे रहते हैं.
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