दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगा साजिश के मामले में जमानत दे दी. इससे पहले इशरत जहां को शादी करने के लिए जून 2020 में 10 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी और उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने या गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया गया था.


दिल्ली के दंगे में 53 लोग मारे गए थे


सोमवार को कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां के मामले में यह आदेश अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सुनाया. इशरत जहां तथा कई अन्य लोगों के खिलाफ फरवरी 2020 के दंगों के "मास्टरमाइंड" होने के मामले में आतंकवाद विरोधी कानून – गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. दिल्ली के दंगे में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे.


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इससे पहले, इशरत जहां को शादी करने के लिए जून 2020 में 10 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी और उन्हें सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने या गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया गया था.


प्रदर्शन के दौरान भड़की थी हिंसा


बता दें कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA), 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इशरत जहां के अलावा, कार्यकर्ता खालिद सैफी, उमर खालिद, जेएनयू के छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य पर भी मामले में कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.


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