Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार के कामकाज से संबंधित CAG रिपोर्ट्स को सार्वजनिक करने के लिए याचिका दायर की गई है. याचिका दायर करने वाले बृज मोहन रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं जो इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट डिपार्टमेंट से सेवानिवृत हुए हैं. 

याचिका में तर्क दिया गया है कि संविधान के आर्टिकल 19(1)a) के तहत जानने का मौलिक अधिकार दिया गया है. इसके अलावा में याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली के वोटर्स के लिए CAG रिपोर्ट्स को रोकना संविधान के साथ धोखाधड़ी है. 

पोर्टल पर सार्वजनिक करने की मांग याचिका में ये भी तर्क दिया गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में वोट डालने से पहले दिल्ली के मतदाताओं का अधिकार है कि उन्हें अपने राज्य दिल्ली की वित्तीय स्थिति के बारे में पता होना चाहिए. याचिका में मांग की है कि अदालत, केंद्र सरकार, LG और CAG को निर्देश दे कि वे अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करके CAG रिपोर्ट्स को अपने अपने पोर्टल पर सार्वजनिक करे.

'ये संविधान के साथ है धोखाधड़ी'याचिकाकर्ता ने ये भी तर्क दिया कि इन रिपोर्टों को दबाने के प्रशासनिक या राजनीतिक प्रयासों से सीएजी की संवैधानिक संस्था की प्रभावशीलता को कम नहीं किया जाना चाहिए. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया कि सीएजी रिपोर्ट को रोकना, खासकर जब उनमें दिल्ली के मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी हो, ये संविधान के साथ धोखाधड़ी है.

अगली सुनवाई होगी 24 जनवरी को हाई कोर्ट ने CAG को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है. हाई कोर्ट ने CAG से राय मांगी है कि क्या CAG रिपोर्ट्स विधानसभा के सामने पेश किए बिना सार्वजनिक की जा सकती है? इस मामले में अगली सुनवाई अब 24 जनवरी को होगी.

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