दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार (23 सितंबर) को कहा कि ऐतिहासिक विरासत को प्रतिबिंबित करने वाले राष्ट्रीय महत्व की स्मारक प्राचीन तुगलकाबाद किले को संरक्षित करने और उसे सभी अतिक्रमण और अवैध निर्माणों से मुक्त करने की जरूरत है.
हाई कोर्ट ने तुगलकाबाद किला क्षेत्र में विभिन्न अतिक्रमणों का उल्लेख किया, जहां समाज के निचले तबके के बड़ी संख्या में परिवार लंबे समय से रह रहे हैं. अदालत ने कहा कि अवैध निर्माण को हटाने से मानवीय समस्या भी उत्पन्न होगी और केंद्र, दिल्ली सरकार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और नगर निकायों जैसे प्राधिकारियों को मिलकर इस मुद्दे को हल करने की आवश्यकता है.
तुगलकाबाद किले के पास से अतिक्रमण हटाने के निर्देशचीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि केंद्र, राज्य सरकार, ASI, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), दिल्ली नगर निगम (MCD) और अन्य संबंधित निकायों को क्षेत्र का सर्वेक्षण करना चाहिए और न केवल अवैध अतिक्रमण और निर्माण को हटाने के लिए बल्कि उन लोगों के पुनर्वास के लिए भी एक संयुक्त नीतिगत निर्णय लेना चाहिए, जिन्हें हटाने की आवश्यकता हो सकती है.' बेंच ने कहा कि तुगलकाबाद किला एक संरक्षित स्मारक है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने निर्देश दिया कि केंद्र, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और शहरी विकास विभाग के सचिवों, एमसीडी और दिल्ली पुलिस आयुक्त को मामले में प्रतिवादी बनाया जाए और उन्हें नोटिस जारी किए जाएं.
भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहें ऐतिहासिक इमारतेंबेंच ने कहा, ‘‘तुगलकाबाद किला एक ऐसा स्मारक है जो राष्ट्रीय महत्व का है, प्राचीन है और हमारे ऐतिहासिक विरासत को दर्शाता है. इसलिए इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है. इसलिए, इन अतिक्रमणों और अवैध निर्माणों को न केवल यह सुनिश्चित करने के लिए हटाया जाना चाहिए कि प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के आदेश का पालन किया जाए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि हमारी ऐतिहासिक विरासत को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाए.’’
तुगलकाबाद किला क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, अदालत ने कहा कि अधिनियम का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है, जो इतिहास और विरासत की रक्षा करना है. इन कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान, जहां तक अतिक्रमण हटाने का सवाल है, एएसआई द्वारा विभिन्न प्रकार की लाचारी व्यक्त की गई है.